दोहरी कानून व्यवस्था नहीं चलेगी, निष्पक्ष कार्रवाई करें, खरगोन हिंसा मामले में डीजीपी से बोले अरुण यादव

राजधानी भोपाल में बुधवार को अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से की मुलाकात, अरुण यादव बोले- नरोत्तम मिश्रा अपने बयानों से शांति के टापू में जहर फैला रहे हैं

Updated: Apr 13, 2022, 11:42 AM IST

भोपाल। खरगोन हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई लगातार सवालों के घेरे में है। इसी बीच दिग्गज कांग्रेस नेता अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी सुधीर सक्सेना से मुलाकात की। इस दौरान अरुण यादव ने डीजीपी से कहा कि प्रदेश में दोहरी कानून व्यवस्था नहीं चलेगी। निष्पक्ष कार्रवाई करें। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निशाना साधते हुए कहा की वे अपने बयानों से शांति के टापू में जहर फैला रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं के डेलिगेशन ने डीजीपी से करीब 40 मिनट तक बातचीत की और उन्हें प्रदेश में हो रहे एकतरफा कार्रवाई से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने डीजीपी को एक ज्ञापण भी सौंपा। इसमें लिखा गया है कि, 'विगत कई दिनों से भाजपा और राज्य सरकार द्वारा लगातार सत्ता, संगठन, पद और प्रभूत्व का दुरूपयोग कर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर निरंतर झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं। पुलिस द्वारा राजनैतिक दबाव में बिना किसी जॉच किये बगैर सीधे एफआईआर दर्ज की जा रही हैं इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश में समानांतर कानून, संविधान और न्यायपालिका संचालित की जा रही है। उमा भारती यदि शराब की दुकान में पथराव करती हैं, तो उनके खिलाफ आज तक कोई FIR नहीं। सरकार द्वारा बनाया गया कानून और उनसे नुकसान की वसूली कहाँ गई?' 

ज्ञापण में आगे लिखा गया है कि, 'बैरसिया में 100 गायों की हत्या के बाद भी गौशाला की संचालिका की आज तक गिरफतारी नहीं हुई।।रीवा सर्किट हाउस में भगवाधारी द्वारा गैंगरेप मामले में कमरा दीलाने वाले मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश में कई जिले भाजपा द्वारा प्रयोजित तनाव से ग्रस्त हैं। रायसेन, रतलाम और खरगोन, सेंधवा की घटनाओं से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया । सत्ताधारी दल सहित विपक्ष का भी कर्तव्य है कि वह इन परिस्थितियों में भाईचारा कायम करने की पहल करें। किंतु दुर्भाग्य है कि प्रदेश के गृह मंत्री ही अपने उत्तेजक बयानों से अमन के टापू मध्य प्रदेश में विशवमन कर रहें है।'

ज्ञापण में लिखा गया है की, 'यह घटनाएं सरकार व इंटेलिजेंस फेलियर को प्रदर्शित करती हैं। पुलिस राजनैतिक दबाव के कारण कानून व्यवस्था को संभालने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं जिम्मेदार कानून व्यवस्था को नियंत्रण में लेने के बाजाय अपने उत्तेजक बयानों से फिजा को खराब करने में लगे हैं। प्रदेश में बिगडते साम्प्रदायिक सदभाव में सुधार करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही किसी भी वर्ग विशेष के साथ पक्षपात पूर्ण कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।' इस डेलिगेशन में कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, आरिफ मसूद समेत अन्य कई नेता शामिल थे।