ग्रीन जोन : लॉक डाउन से आजादी पर बंदिशें तय

मध्य प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जहां लॉक डाउन के बाद मिलने वाली आजादी का बंदिश में बदलना तय है।

Publish: May 01, 2020, 05:13 AM IST

देश में लॉक डाउन के दूसरे चरण को खत्म होने में बस 3 दिन ही शेष है। हर किसी के मन में बस यही सवाल है कि लॉक डाउन आगे बढ़ाया जायेगा या नहीं। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्रियों की बातचीत और वर्तमान हालातों को देख कर यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि हॉट स्पॉट को छोड़कर बाकी शहरों या जिलों में या तो लॉक डाउन सशर्त हटा लिया जायेगा या फिर काफी हद तक उसमे ढील दी जाएगी। विशेष तौर पर उस ग्रीन जोन में जहां अब तक कोरोना का एक भी केस नहीं है। मगर प्रदेश में ऐसे ग्रीन जोन वाले जिलों में अचानक पॉजिटिव केस आने से लॉक डाउन खुलने की उम्‍मीदें धूमिल पड़ने लगी हैं।

बीते कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जहां कोरोना की एंट्री हुई है। इन जिलों में भले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो लेकिन लॉक डाउन के बाद मिलने वाली आजादी का बंदिश में बदलना तय है। खास बात यह है कि ये जिले प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में हैं। फिलहाल टीकमगढ़ में 02, बैतूल में 01, डिंडोरी में 01,हरदा में 01, बुरहानपुर में 01, अशोकनगर 01 (01 मौत), शहडोल में  02 और रीवा में 02 केस हैं। साफ़ है कि इन जिलों में लॉक डाउन यदि खुलेगा तो शर्तों के साथ। मध्य प्रदेश के समीपवर्ती उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में भी पिछले 3 दिन में 4 केस मिलने से मुश्किल बढ़ गई है। क्यूंकि मध्यप्रदेश के दतिया, निवाड़ी जिले के लोग आज भी इलाज के लिए झांसी आवागमन करते हैं।

लॉक डाउन के बावजूद इन जिलों में कैसे पहुंचा कोरोना?

सबसे बड़ा सवाल यही निकल कर आ रहा है कि आखिर जब पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लॉक डाउन है तो फिर कोरोना के मरीज ग्रीन जोन में कैसे मिल रहे हैं। तो जवाब भी इसी सवाल में है। लॉक डाउन में सख्ती तो है लेकिन अलग - अलग तरीकों से लोगों का गुपचुप आवागमन जारी है। इसके साथ ही जो लोग कहीं बाहर से यात्रा करके आ रहे हैं वे अपनी जानकारी भी प्रशासन को नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि कुछ मामले तो प्रशासन की जानकारी में आइसोलेशन के दौरान सामने आये जबकि कुछ अचानक। ऐसे में कोरोना का संक्रमण बाकि कितने लोगों तक पहुंच गया होगा यह जानना भी बेहद कठिन हो रहा है। 

इन जिलों के अलावा बाकी के जिलों में तो पहले से ही मुश्किल है। विशेष तौर पर इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर आदि बड़े शहरों में। अब सरकार कई जगहों पर लॉक डाउन में ढील देने की कोशिश में है। लेकिन यह ढ़ील कहीं किसी बड़ी मुसीबत को बुलावा न दे दे। यह आशंका बनी हुई है।