उज्जैन जिले के 71 में से 34 स्कूलों के मरम्मत कार्य में 22 लाख का भ्रष्टाचार, ठेकेदारों से की जाएगी की वसूली

स्कूलों से जुड़ी जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। ठेकेदारों से राशि वसूल की जाएगी। सत्यापन अधिकारी व प्राचार्यों पर विभागीय कार्रवाई करने जा रहे हैं।"

Updated: Jul 15, 2023, 02:14 PM IST

सांकेतिक फोटो सोशल मीडिया
सांकेतिक फोटो सोशल मीडिया

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में अब स्कूल भवनों की मरम्मत कार्य में भ्रष्टाचार सामने आया है। यहां ठेकेदरों काम पूरा किए बिना ही पूरा भुगतान करा लिया, कलेक्टर के आदेश पर अधिकारी व प्राचार्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक 71 में से 34 स्कूलों में गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल 12 अप्रैल को एक स्कूल भवन की रिपेयरिंग में गड़बड़ी का एक मामला सामने आने पर कलेक्टर ने डीईओ आनंद शर्मा से जानकारी तलब की थी कि किन-किन स्कूल भवनों की रिपेयरिंग के लिए राशि जारी की गई? कितने मामलों में भुगतान कर दिया गया है? तब जानकारी सामने आई थी कि जिले में 138 स्कूल भवनों को जरूरत के हिसाब से प्रत्येक स्कूल को तीन लाख रुपए (लघु मरम्मत मद से) आवंटित किए गए हैं।
 
इनमें से 71 स्कूल भवनों में काम पूरा होने पर भुगतान कर दिया है। करीब 40 भवनों का भुगतान नहीं होने व शेष भवनों में रिपेयरिंग कार्य शुरू नहीं होना बताया गया था। इस पर कलेक्टर ने 23 अप्रैल को संयुक्त कलेक्टर सरिता लाल और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री सुनील शर्मा का जांच दल गठित कर इन्हें उक्त जानकारी सौंपते हुए भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए थे। 


जिन 71 स्कूल भवनों में रिपेयरिंग का भुगतान कर दिया था, जांच दल ने उनका भौतिक सत्यापन किया। इनमें से 34 यानी 50 फीसदी में गड़बड़ी सामने आई। जांच इतनी बारीकी से की गई कि दल ने किसी भवन को लेकर 2581 रुपए तो किसी पर 2 लाख से अधिक की वसूली की अनुशंसा कलेक्टर को सौंपी जांच रिपोर्ट में की है। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है 34 शाला भवनों में बिल में दर्ज मात्रा से कम कार्य किया गया। पंजीकृत ठेकेदार व विभाग के सत्यापन अधिकारी जिम्मेदार हैं। इनसे इन 34 कार्यों के 22 लाख 62 हजार 498 रुपए वसूली की जाएगी