परीक्षा निरस्त होने पर परीक्षार्थियों को वापस किया जाए परीक्षा शुल्क, दिग्विजय सिंह ने की सीएम से मांग

मध्य प्रदेश में 11 मार्च को पटवारी भर्ती परीक्षा होनी है, लेकिन उम्मीदवारों का कहना है कि 2017-18 में हुई इसी परीक्षा की नियुक्ति अभी पूरी नहीं हुई है

Publish: Feb 24, 2023, 02:52 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी के बीच मार्च महीने में पटवारी भर्ती परीक्षा होनी है। लेकिन इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों का कहना है कि 2017-18 में हुई इसी परीक्षा के नियुक्ति पत्र अभी तक कई उम्मीदवारों को नहीं बांटे गए हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से यह मांग की है कि परीक्षा निरस्त होने की स्थिति में परीक्षार्थियों को परीक्षा शुल्क वापस किया जाना चाहिए। 

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मप्र के बेरोज़गार युवाओं से परीक्षा शुल्क जमा करा कर भाजपा सरकार परीक्षा निरस्त कर देती है। क्या परीक्षा शुल्क वापस नहीं होना चाहिए? बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है।शिवराज उर्फ़ मामा उर्फ़ मामू रोज़ नए नए वादे करते हैं और पुराने वादे भूल जाते हैं। 

11 मार्च को मध्य प्रदेश में 6,755 पदों के लिए परीक्षा होनी है। जिसमें 12 लाख 79 हज़ार परीक्षार्थियों ने आवदेन किए हैं। इनमें चार लाख से अधिक परीक्षार्थी ऐसे हैं जिनके पास परीक्षा के लिए ज़रूरी न्यूनतम स्नातक की डिग्री से बड़ी डिग्री है। आगामी परीक्षा में एक पद के लिए लगभग दो सौ उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा करेंगे। 

चुनावी साल में शिवराज सरकार परीक्षा तो आयोजित करा रही है लेकिन 2017-18 में ही इसी परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थियों को कहना है कि पांच साल पहले 9235 पदों के लिए हुई परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं दी गई है। ऐसे में परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाने के बावजूद नियुक्ति न होने का डर उम्मीदवारों को सता रहा है। जोकि लाज़मी भी है। 

दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में बेरोज़गारी भी लगातार बढ़ रही है। 2022 में हुए मध्य प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि राज्य में एक साल में करीब 5.51 लाख बेरोजगार बढ़ गए। रोजगार कार्यालय में 2020 तक करीब 24.72 लाख पंजीकृत बेरजोगार थे। जबकि 2021 में बेरोजगारों की यह तादाद 30.23 लाख हो गई थी।