भोपाल में बेरोजगारी से निराश इंजीनियर ने लगायी फांसी, डिग्री के 2 साल बाद भी नहीं मिली जॉब

5 लोगों के परिवार का खर्चा मुश्किल से चलाते थे पिता, बेटी इंजीनियर बनकर परिवार का सहारा बनना चाहती थी, नौकरी नहीं मिलने से तनाव में थी युवती

Updated: Jan 17, 2022, 12:56 PM IST

Photo Courtesy: Naidunia
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भोपाल। दो साल से बेरोजगारी और मुफलिसी में रहते हुए एक इंजीनियर ने फिर आत्महत्या कर ली। भोपाल के कोलार इलाके में रहनेवाली आकृति नाम की ये इंजीनियर नौकरी नहीं मिलने से परेशान थी। आकृति का शव उसके घर में फांसी के फंदे पर मिला है। उसकी पहचान रामनरेश कुशवाह की बड़ी बेटी के रूप में हुई है।

आकृति इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर दो साल से जॉब की तलाश में थी। इसकी वजह से वह तनाव में भी रहती थी। घर की माली हालत भी ठीक नहीं थी। तीन बच्चों के पिता ने किसी तरह अपनी बेटी को इंजीनियरिंग करवाई थी। वह तीन भाई बहनों में से सबसे बड़ी थी और घर चलाने में पिता को उसकी कमाई की दरकार भी थी। साथ ही शादी का खर्च भी निकालना था। मगर जॉब मार्केट में आकृति की हर उम्मीदवारी को नकार दिया जाता रहा। कई कोशिशों के बाद भी जॉब नहीं लग पाई तो वह मानसिक तनाव में रहने लगी थी।

नौकरी नहीं मिलने से परेशान बेटी को तनाव में देख उसके माता पिता ने उसे समझाया था। उसे हौसला रखने की सीख भी दी थी। लेकिन आकृति अपने पिता का सहारा बनना चाहती थी, वह जल्द से जल्द नौकरी पाकर पिता की मदद करना चाहती थी। लेकिन नौकरी नहीं मिलने की वजह से वह डिप्रेशन में आ गई थी।

रविवार को वह ज्यादा परेशान थी। घरवालों के साथ उसने दिन में दोपहर तक समय बिताया। जिसके बाद शाम करीब 4 बजे के बाद उसका शव फांसी पर लटका हुआ मिला। फांसी का पता उस समय लगा जब मां उसे किसी काम के लिए आवाज लगा रही थी। लेकिन उसकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। जब मां ने कमरे देखा तो वह फांसी से लटकी मिली। घरवाले उसे अस्पताल लेकर भागे मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कोलार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। वहीं उसके मोबाइल की कॉल डीटेल भी खंगाली जा रही है। बेटी की मौत से घर में मातम है। 

भोपाल में पढ़ेलिखे और व्यापार करनेवाले लोगों के एक के बाद एक आत्महत्या की खबरों ने सभी को चौंकाया है। आमतौर पर अपने से संतुष्ट इस शहर में कोरोना काल से लेकर अब तक सैकड़ों आत्महत्या की घटनाएं हो चुकी हैं।