मध्यप्रदेश में बनेगी पहली हिंदी भाषा प्रयोगशाला, उच्चारण, वर्तनी, व्याकरण सिखाने की अनूठी पहल

भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में 40 लाख की लागत से तैयार हो रही पहली भाषा लैब, जनवरी से शुरू होने की उम्मीद, हाईटैक लैब में छात्रों को मिलेगी रोजगारोन्मुखी हिंदी की ट्रेनिंग

Publish: Oct 28, 2021, 07:56 AM IST

Photo Courtesy: patrika
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भोपाल। छात्रों में हिंदी की बेहतर समझ पैदा करने, सही उच्चारण और वाक्य विन्यास जैसी बारीकियां सिखाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। यह हिंदी लैंगवेज लैब जनवरी 2022 तक शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए कमेटी गठन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कमेटी हिंदी के मानकीकरण का काम करेगी। इस प्रय़ोगशाला में ऐसे विषयों को शामिल किया जाएगा जो छात्रों के करियर में उपयोगी साबित हो सकें।

दरअसल सरकारी दफ्तरों में हिंदी के जानकारों की आवश्यकता अक्सर पड़ती है। जिसके माध्यम से संबंधित संस्थानों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाई जा सके। यही वजह है कि हिंदी भाषा के ज्ञान पर जोर दिया जा रहा है। इस भाषा प्रयोगशाला में छात्रों को हिंदी के साफ उच्चारण के साथ-साथ एक जैसे शब्दों औऱ अक्षरों का उच्चारण सिखाया जाएगा। यह प्रदेश में अपनी तरह की अनूठी भाषा प्रयोगशाला होगी। यह हाईटैक लैब कंप्यूटर और विभिन्न भाषाओं से संबंधित सॉफ्टवेटर से सुसज्जित होगी। यहां हिंदी के साथ दूसरी भारतीय भाषाएं भी शामिल की जाएंगी। इस हिंदी भाषा निर्माण में करीब 40 लाख रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह प्रदेश में अपने तरह की पहली प्रयोगशाला है। यहां छात्रों को रोजगारोन्मुखी ट्रेंनिग दी जाएगी। इस भाषा प्रयोगशाला में हिंदी के मानकीकरण, उच्चारण के साथ अनुवाद सहित कई कार्यों की ट्रेनिंग दी जाएगी।  

 

हिंदी प्रयोगशाला में छात्रों को उच्चारण, वर्तनी के साथ-साथ हिंदी के व्याकरण और अन्य तकनीकी समस्याओं के बारे में बताया जाएगा। बोलने के साथ शुद्ध हिंदी लिखने की ट्रेनिंग दी जाएगी, इस लैब में आडियो और वीडियो के माध्यम से सारी ट्रेनिंग दी जाएगी

दरअसल भोपाल के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में अटल पीठ की स्थापना भी करने की घोषणा इसी साल सिंतबर में की गई थी। इसका उद्देश्य यहां के छात्रों तो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों, सिद्धांतों और उनके हिंदी के प्रति लगाव और संघर्षों से अवगत कराना है।

अटल बिहारी हिंदी विविव में छात्र अटलजी के साहित्य और कविताओं पर रिसर्च भी कर सकते हैं। वहीं हिंदी को जनभाषा बनाने के लिए विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। यह उच्चशिक्षा विभाग की एक अनूठी पहल है।