Flood In MP: नौ जिलों में तबाही, बर्बाद हुई हजारों एकड़ की फसलें

Shivraj Singh Chouhan: सीएम शिवराज ने आपदा प्रबंध बैठक की, दूसरे दिन भी किया हवाई सर्वेक्षण, रेसक्यू ऑपेरशन में जुटी IAF

Updated: Aug 31, 2020, 05:25 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में भारी-बारिश और बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब हो गए हैं। प्रदेश के 9 जिलों में बाढ़ से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक बाढ़ की पानी ने नौ जिलों के करीब 400 गांवों में भयंकर तबाही मचाई है। हज़ारों एकड़ क्षेत्र की फसलें नष्ट हो गई हैं।जिन किसानों की सोयाबीन की फसल अब तक खराब नहीं हुई थीं उनके भी खेतों में हर तरफ पानी भरा है। 

राजधानी भोपाल से सटे होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन के कई गांव बाढ़ में पूरी तरह से डूब गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के 40 जिलों में 12 सौ से अधिक लोग फंसे हुए हैं। सीएम शिवराज सिंह ने बताया कि फिलहाल बाढ़ग्रस्त इलाकों के 170 राहत शिविरों में 9 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। 

सीएम शिवराज सिंह ने चिंता जताई है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में बीमारियां बढ़ सकती है। उन्होंने बताया है कि सरकार की तरफ़ से कोरोना से बचने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।  सीएम ने आज समीक्षा बैठक के दौरान कहा है कि राहत यह है कि बारिश रुक गई है लेकिन इसे समस्या पूरी तरह से हल नहीं हुआ है। ऊपरी हिस्सों से पानी निचले हिस्से में आ रहा है। 

 

 

IAF ने संभाला मोर्चा

शनिवार को सीएम शिवराज ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद भारतीय एयर फोर्स से मदद मांगी थी। प्रदेश सरकार ने विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए वायुसेना से पांच हेलीकॉप्टर मांगे थे। 

इसके बाद वायुसेना राहत और बचाव कार्य में युद्ध स्तर पर लग गई है। वायुसेना ने रविवार को सीहोर, बालाघाट व कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे दर्जनों लोगों को एयरलिफ्ट है। वहीं भौति और सीहोर जिले में वायुसेना का रेसक्यू ऑपेरशन अब भी जारी है।अब तक राहत बचाव कार्य टीम ने लगभग 7 हज़ार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। सीहोर ज़िले के बुधनी में एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। छिंदवाड़ा में पांच लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। राहत कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है। 

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में पिछले 21 सालों की यह सबसे बड़ी बाढ़ है। साल 1999 के बाद यह पहला मौका है राज्य में इतने बड़े स्तर और लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।