स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में तीसरा सबसे बदहाल राज्य MP, UP में स्वास्थ्य व्यव्स्था सबसे लचर

स्वास्थ्य व्यवस्था पर नीति आयोग ने जारी की रिपोर्ट, 19 बड़े राज्यों के हेल्थ इंडेक्स में 17 वें पायदान पर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश को मिला सबसे निचला पायदान

Updated: Dec 27, 2021, 02:31 PM IST

भोपाल। स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जारी नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स में मध्य प्रदेश लचर स्वास्थ्य व्यवस्था वाला तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। जबकि देश भर में सबसे लचर स्वास्थ्य व्यवस्था वाला राज्य भी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश है। जबकि केरल सबसे बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाला राज्य है। हेल्थ इंडेक्स में केरल सबसे पहले पायदान पर है। 

नीति आयोग ने बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये अलग-अलग हेल्थ इंडेक्स जारी की है। बड़े राज्यों में कुल 19 राज्यों को शामिल किया गया है। जिसमें मध्य प्रदेश को 17वां स्थान मिला है। जबकि उत्तर प्रदेश 19वें स्थान पर है। वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था के मद्देनज़र तीन सबसे बदहाल राज्य भाजपा शासित ही हैं। हेल्थ इंडेक्स में 18वां पायदान बिहार को मिला है। जहां भाजपा लगभग 15 वर्षों से बिहार सरकार में सहयोगी के तौर पर रही है।  

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हेल्थ इंडेक्स में मध्य प्रदर्शन का प्रदर्शन 
नीति आयोग जारी इस हेल्थ इंडेक्स में 2019-20 को रिफरेंस के तौर पर लिया गया है। इस इंडेक्स को तैयार करने के लिये चार राउंड में सर्वे किये गये। इसमें मध्य प्रदेश का स्कोर 36.72 रहा। हालांकि 2018-19 के मुकाबले मध्य प्रदेश ने 3.35 अंकों का सुधार ज़रूर किया। लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सूचांक की अपनी रैंकिंग में सुधार नहीं कर पाया। जबकि सुधार के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे अव्वल राज्य होने के बावजूद स्वास्थय व्यवस्था में 30.57 के स्कोर के साथ सबसे नीचे रहा। वहीं स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में सबसे टॉप पर काबिज़ केरल का स्कोर 82.20 है। ज़ाहिर है कि हेल्थ स्कोर के मामले में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य केरल से कहीं अधिक पीछे हैं। 

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नीति आयोग के हेल्थ सूचांक में मध्य प्रदेश के नीचे से तीसरे पायदान पर आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अपराधों में,कुपोषण महिला अत्याचार,किसानों की आत्महत्या,बेरोजगारी,अवैध उत्खनन,गरीबी में देश के शीर्ष राज्यो में शामिल मध्यप्रदेश का नाम अब नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स के मुताबिक नीचे से तीसरे नंबर पर आ गया है। क्या यह है प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति? सलूजा ने कहा कि शिवराज सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर दावे तो बड़े-बड़े करती है लेकिन हकीकत इसके एकदम विपरीत है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आने वाले दिनों के प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आयी है जब प्रदेश में ओमिक्रोन का संकट मंडरा रहा है।  

बड़े राज्यों के अलावा छोटे राज्यों में सबसे स्वास्थ्य व्यवस्था वाला राज्य मिज़ोरम है। मिज़ोरम 75.77 के स्कोर के साथ छोटे राज्यों में सबसे टॉप पर है। जबकि नागालैंड 27 के स्कोर के साथ छोटे राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली एवं दमन और द्वीव 66.19 के स्कोर के साथ सबसे अव्वल पायदान पर है। वहीं अंडमान और निकोबार 44.74 के स्कोर के साथ सबसे अंतिम पायदान पर है। देश की राजधानी दिल्ली 49.85 के स्कोर के साथ पांचवे स्थान पर है।