दिल्ली जाकर मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा, मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर बोले शिवराज सिंह चौहान

चुनाव के दौरान मैं सिर्फ दो घंटे सोता था, मन में कसक थी की 2018 जैसा इस बार न हो, बतौर सीएम चुनाव जिताने की सर्वाधिक जिम्मेदारी थी और मैं सोचता था की कोई कसर न रहे।

Updated: Dec 12, 2023, 05:02 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की पद से हटाए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उनके चेहरे पर पद जाने का दुख साफ दिख रहा था। उन्होंने बताया कि किस तरह भाजपा को जिताने के लिए उन्होंने मेहनत की थी। साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली जाकर मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया कि आपने कहा था मामा दिल्ली नहीं जाएगा, क्या आप लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसपर उन्होंने कहा कि वह संदर्भ कुछ और था। चुनाव के बाद मुझसे पूछा गया कि सब लोग दिल्ली में हैं आप नहीं जाएंगे? इसपर मैंने कहा था। मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा। मांगना मेरा काम नहीं है। ये बेहद घटिया सोच है कि मैं कहां रहूंगा, मुझे कुछ नहीं मिला। ऐसा आदमी कुछ नहीं करता। सिर्फ रोना-गाना करता है कि मेरे साथ बड़ा अन्याय हो गया।'

चुनावी कैंपेन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, 'चुनाव के दौरान मैं सिर्फ दो घंटे सोता था, मन में कसक थी की 2018 जैसा इस बार न हो, बतौर सीएम चुनाव जिताने की सर्वाधिक जिम्मेदारी थी और मैं सोचता था की कोई कसर न रहे।' उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि 18 साल के कार्यकाल में किसी के प्रति मेरे मन में कभी दुर्भावना नहीं थी। अगर कोई फैसले किए तो कर्तव्य के भाव से और उससे अगर किसी को तकलीफ हुई हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं।

सीएम शिवराज ने प्रेस कांफ्रेंस के शुरुआत मनोनीत सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला और स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर को शुभकामनाएं दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं सदैव मोहन यादव को सहयोग करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि 2003 में उमा जी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी थी और उसी सरकार का नेतृत्व मुझे करने को मिला था। 2008 में जनता के आशीर्वाद से फिर सरकार लेकर आए। 2013 में भी भाजपा की सरकार बनी। 2018 में हमें वोट ज्यादा मिले, सीटों के गणित में पिछड़ गए। आज मैं यहां से विदाई ले रहा हूं तो मेरा मन आत्मसंतुष्टि से भरा हुआ है।

शिवराज ने आगे कहा, 'हमें विरासत में एक पिछड़ा और बीमारू मध्य प्रदेश मिला था। हमने विकास और प्रगति का लंबा सफर तय किया। इन वर्षों में मैंने मुझ में जितनी क्षमता थी, जितना सामर्थ्य था, पूरा झोंक कर अपने प्रदेश और जनता के कल्याण के लिए काम किया। पूरी प्रामाणिकता, ईमानदारी, परिश्रम के साथ अपनी प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें अपने आप को झोंका। जब मैं देखता था कि बेटियां कोख में मारी जाती है, उस पीड़ा ने लाडली लक्ष्मी योजना को जन्म दिया। यह योजना सिर्फ कागजों पर नहीं था, इससे सेक्स रेसियो में सुधार हुआ। पत्रकार साथी जानते हैं कि मैं कुछ नहीं था तब भी बेटियों का विवाह कराता था।'

सीएम चौहान के कृषि क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि खेती के क्षेत्र में केवल सिंचाई में ही चमत्कार नहीं हुआ। जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने से लेकर बोनस जैसी असाधारण योजना हमने शुरू की। किसानों के लिए हम काफी काम कर पाए। गरीबों के लिए किसी एक योजना का नाम नहीं लूंगा। दो साल कोविड रहा। जब मजदूर अपने सिर पर गठिया रखकर पैदल आ रहे थे, तब मेरी अंतरआत्मा ने कहा कि मप्र की धरती पर कोई मजदूर पैदल नहीं चलना चाहिए। जब मैं अस्पताल में भर्ती था, तब भी कई काम किए।