राजगढ़ में आधी रात तक चलता रहा दलित की बारात का संघर्ष, दिग्विजय सिंह की दख़ल के बाद पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में हुई शादी

देर रात पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के फ़ोन के बाद एसपी कलेक्टर राजगढ़ गांव पीपल्या कलाँ पहुंचे

Updated: May 16, 2022, 05:14 AM IST

Image Courtesy : News Click
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राजगढ़। मध्यप्रदेश के जिला राजगढ़ के पीपल्या कलाँ गांव में दबंगों ने एक दलित परिवार की शादी में दूल्हे राहुल मेघवाल की बारात नहीं निकलने दी। विरोध बढ़ने पर दबंगों ने शादी का शामियाना गिरा दिया। इस मामले की सूचना लगने पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस गांव पहुंची।

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जब पुलिस को इस मामले की सूचना प्राप्त हुई तो पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और पुलिस की निगरानी में बारात निकालने पर, दबंगों ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। आख़िरकार पुलिस की निगरानी में शादी हो गई।

इस मामले में देर रात करीब दो बजे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के फ़ोन के बाद एसपी, कलेक्टर राजगढ़ हर्ष दीक्षित ग्राम पीपल्या कलाँ गाँव पहुंचे और शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

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गौरतलब है कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी गांव में जनसभा करके गए थे और एक आदिवासी महिला के हाथ से बेर खाए थे। यह घटना हमें हमारे समाज का आइना दिखाती है। एक ओर आजादी के 75 वर्ष हो चुके हैं, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वहीं दूसरी ओर हमारे ही समाज के लोगों को घोड़ी चढ़ने, बारात निकालने, मूछें रखने पर आपत्ति जताया जा रहा है।

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बारात रोकने की घटना मध्यप्रदेश में इकलौती नहीं हैं।राज्य में आए दिन ये घटनाएं होती रहती हैं। कई बार पुलिस की निगरानी में बारात निकाली जाती है।