SC वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा अब आठ लाख, शिवराज कैबिनेट का अहम फैसला

शिवराज कैबिनेट ने चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। कैबिनेट बैठक में लाडली बहना योजना के लिए बजट की स्वीकृति दे दी गई है।

Updated: May 17, 2023, 12:41 PM IST

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है। कैबिनेट बैठक में भी चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए फैसले लिए जा रहे हैं। मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने SC वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा अब आठ लाख करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में लाडली बहना योजना के लिए बजट की स्वीकृति दे दी गई है। 

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आय सीमा का दायरा छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख कर दिया गया है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए भी प्रस्ताव कैबिनेट में रखने को कहा गया है। उनकी भी छात्रवृत्ति के लिए आय की सीमा आठ लाख कर दिया जाएगा।

दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पूर्व दलित और आदिवासी वर्ग को साधने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। कांग्रेस के परंपरागत मतदाता माने जाने वाले दलित और आदिवासी वर्ग को साधने के लिए सरकार एक के बाद एक ऐलान और कार्यक्रमों के आयोजन करवा रही है। दलित और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचार में मध्य प्रदेश नंबर वन है। लेकिन, दलित आदिवासियों को उत्पीड़न से बचाने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

कैबिनेट बैठक में लाडली बहना योजना के बजट को भी स्वीकृति दे दी गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बताया कि लाडली लक्ष्मी योजना के जरिए पूरे मध्य प्रदेश में एक करोड़ 33 लाख 25 हजार आवेदन आए हैं। उन्होंने बताया कि 10 जून से लाडली बहना योजना के तहत खातों में पैसे आना शुरू हो जाएंगे, जिसे लेकर बजट को स्वीकृति दे दी गई है। सालभर में लाडली बहना योजना पर साल में 15000 करोड़ रुपया खर्च होगा।

नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में यह भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है कि मध्य प्रदेश में खाद और उर्वरक को अग्रिम रूप से खरीद कर चिन्हित स्थानों पर रखवा दिया जाएगा। एमपी के 250 से ज्यादा सेंटर पर खाद उपलब्ध रहेगा ताकि किसानों को खाद के लिए भटकना नहीं पड़े। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को 20 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर खाद लेने नहीं जाना पड़ेगा।