शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का शर्मनाक बयान, फीस कम करने की मांग लेकर आए लोगों से कहा, मरना है तो मर जाओ

पालक संघ के प्रतिनिधि स्कूलों द्वारा वसूली जा रही मनमानी फीस पर लगाम लगाने की मांग लेकर मंत्री जी के पास पहुंचे थे, लेकिन कैबिनेट बैठक में पहुंचने की मंत्री जी को इतनी जल्दी दी थी कि उन्होंने प्रतिनिधियों से कह डाला, मरना है तो मर जाओ

Updated: Jun 29, 2021, 10:12 AM IST

Photo Courtesy : Etv Bharat
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भोपाल। शिवराज सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की इस समय जमकर आलोचना हो रही है। इंदर सिंह परमार अपने शर्मनाक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। शिक्षा मंत्री ने स्कूल की मनमानी फीस पर रोक लगाने की मांग लेकर आए लोगों से कहा है कि मरना है तो मर जाएं। 

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इंदर सिंह परमार ने यह बयान मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में जाते दौरान दिया है। मंगलवार को पालक संघ के प्रतिनिधि शिक्षा मंत्री से निजी स्कूलों द्वारा वसूली जा रही मनममानी फीस पर रोक लगाने की मांग को लेकर मंत्री के निवास पर पहुंचे थे। मंत्री जब अपनी गाड़ी में बैठकर कैबिनेट मीटिंग में जा रहे थे, उसी समय पालक संघ के कुछ प्रतिनिधि मंत्री जी को अपना दुखड़ा सुना रहे थे।

उनका कहना था कि कोरोना काल ने ऐसे ही सबकी कमर तोड़ कर रखी है। ऐसे वक्त में स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही है। लेकिन निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस वसूली कर रहे हैं। मंत्री से फीस कम करवाने की मांग लेकर आए लोगों ने कहा कि ऐसे में हम क्या करें? मर जाएं? इस पर मंत्री जी ने कहा कि हां मरना है तो मर जाओ। 

मंत्री जी का यह शर्मनाक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। एनएसयूआई ने मंत्री के शर्मनाक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, मध्यप्रदेश के शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार का शर्मनाक बयान, स्कूलों की फीस कम कराने की मांग पर पालक संघ के प्रतिनिधि जब मंत्री @Indersinghsjp जी से मिलने पहुंचे तो मंत्री जी ने जवाब दिया-"मरना हैं तो मर जाये"।शिवराज सरकार का घमंड चरम पर है, प्रदेश का छात्र इसका जवाब जल्द देगा।'