जनता को रंगीन पिक्चर दिखाते हैं शिवराज, ज़मीन पर उतरते ही हो जाती है ब्लैक एंड व्हाइट: कमल नाथ

कमल नाथ का शिवराज पर पलटवार, केवल मुंह चला कर झूठी घोषणाएं की रंगीन पिक्चर दिखाते हैं, ज़मीन पर उतरते ही विकास पूरी तरह से नदारद दिखता है

Publish: Sep 23, 2021, 03:40 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान पर उनकी कथित झूठी घोषणाओं को लेकर हमला बोला है। कमल नाथ ने सीएम पर हमला बोलते हुए कहा है कि शिवराज जी जनता को अपनी आसमानी घोषणाएं तो बेहद रंगीन दिखाते हैं, लेकिन ज़मीन पर उतरते ही वे सभी ब्लैक एंड वाइट हो जाती हैं। विकास पूर्ण रूप से नदारद ही दिखता है। कमल नाथ ने तंज कसते हुए कहा कि शिवराज जब इतनी अच्छी कलाकारी कर लेते हैं, तो उन्हें मुंबई चले जाना चाहिए। ओपी

 

16 वर्षों से जनता को झूठी रंगीन पिक्चर दिखा रहे हैं शिवराज

पीसीसी चीफ ने सीएम के ब्यूरोक्रेसी वाले बयान के सिलसिले में कहा कि शिवराज जी हकीकत तो यह है कि पिछले 16 वर्षों से आप जनता को मुंह चला कर,झूठी घोषणाओं,झूठे भूमि पूजन,झूठे शिलान्यास,झूठे नारियल फोड़कर रोज़ नक़ली रंगीन पिक्चर ही तो दिखा रहे हो।फील्ड में जाओ तो सब ब्लैक एंड वाइट ही ब्लैक एंड वाइट,विकास पूरी तरह से नदारद है। 

कमल नाथ ने आगे कहा कि विकास सिर्फ घोषणाओं व कागजों पर ही नजर आता है ,जमीनी धरातल पर स्थिति शून्य।जो काम आप पिछले 16 वर्षों से कर रहे हो,वही काम आज भी रोज कर रहे हो।आज भी चुनावी क्षेत्रों में जनदर्शन यात्रा निकालकर,जनता को गुमराह करने के लिए, रोज़ झूठी घोषणाएँ कर झूठी रंगीन पिक्चर दिखा रहे हो। 

अदाकारी करने मुंबई चले जाएं शिवराज 

कमल नाथ यहीं नहीं रुके उन्होंने सीएम को मुंबई जा कर कलाकारी तक करने की सलाह दे डाली। पीसीसी चीफ ने कहा कि इसीलिए तो मैं कहता हूं कि आप कलाकारी इतनी अच्छी कर लेते हो, झूठी रंगीन पिक्चर इतनी दिखाते हो कि आपको तो अदाकारी के लिये मुंबई चले जाना चाहिए। कमल नाथ ने ऐसा ही एक बयान मध्य प्रदेश में हुए उपचुनावों के दौरान भी दिया था, जिसमें पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा था कि शिवराज शाहरुख और सलमान से भी बेहतर अभिनेता हैं। 

इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्यूरोक्रेसी के संबंध में बयान दिया था, जिसमें उन्होंने रंगीन पिक्चर का जिक्र किया था। भोपाल के मिंटो हॉल में सीएम ने कहा कि मंत्रालय में तो हमें रंगीन पिक्चर दिखा दी जाती है कि साहब सब आनंद ही आनंद है, लेकिन जनता से मिलने पर पता चलता है कि आखिर आनंद कहां तक पंहुचा है।