धरना दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों से मिले कमलनाथ, कहा- कांग्रेस सरकार आते ही मिलेगी जॉब सिक्योरिटी

13 फरवरी से वल्लभ भवन पर अनशन करेंगे आउटसोर्स कर्मचारी, पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आउटसोर्स कल्चर सैद्धांतिक तौर पर गलत है, इनके साथ अन्याय हो रहा है

Updated: Dec 18, 2022, 11:42 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों ने रविवार को कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। यहां कर्मचारियों से पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मुलाकात की  कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने आउटसोर्स और ठेकेदारी की व्यवस्था को गलत बताया और उनकी मांग को जायज बताया।

दरअसल, प्रदेश के ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थाई, ठेका एवं संविदा कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चिनार पार्क में धरने की परमीशन नहीं मिलने पर पीसीसी के सामने इंदिरा जी की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कमलनाथ भी आउटसोर्स कर्मचारियों से मिलने पहुंचे। इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि, 'ठेकेदारी व्यवस्था गलत है और कांग्रेस कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करती है। सरकार कर्मचारियों की आवाज को दबाना चाहती है, इसलिए सरकार उन्हें धरना प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं दे रही है।'

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कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'आप सभी सच्चाई का साथ दीजिए। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस परंपरा को खत्म किया जाएगा रोजगार से ज्यादा उसकी सिक्योरिटी बड़ी चिंता है। कांग्रेस सरकार आपको रोजगार की सुरक्षा देगी।' आउटसोर्स कर्मियों के धरने को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री प्रियवत सिंह, कमलेश्वर पटेल ने भी संबोधित किया और कल से शुरू हो रही विधानसभा में आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों के मुद्दे को उठाने की बात कही।

इस दौरान मप्र आउटसोर्स, अस्थाई एवं संविदा कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने धरना में उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि यदि सरकार ने डेढ महीने में आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों का निराकरण नहीं किया तो 13 फरवरी से वल्लभ भवन पर अनशन शुरू किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रकाश यादव, कंप्यूटर आपरेटर संघ के पंकज चतुर्वेदी, युवा आउटसोर्स के दीपक सिंह, प्रकाश पुंज, स्वास्थ्य विभाग के शरद पंत, दुग्ध संघ के विनोद ठाकरे, कोविड वारियर के डॉक्टर सिसौदिया सहित कई संगठनों के पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी।