अवधेश प्रताप BJP से निष्कासित, उपचुनाव में भीतरघात बनी पार्टी के लिए मुसीबत

उपचुनाव की वोटिंग से दो दिन पहले बीजेपी ने पृथ्वीपुर के अपने दिग्गज नेता को पार्टी से निकाला, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप, खंडवा और रैगांव में भी अपनों का विरोध झेल रही बीजेपी

Updated: Oct 28, 2021, 04:46 PM IST

Photo Courtesy: HT
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पृथ्वीपुर। उपचुनाव से पहले मध्य प्रदेश बीजेपी के लिए भीतरघात बड़ी मुसीबत बन गई है। शीर्ष नेतृत्व ने भीतरघात के खिलाफ अब कार्रवाई भी शुरू कर दिया है। बीजेपी ने पृथ्वीपुर विधानसभा चुनाव में भीतरघात की आशंका देखते हुए इलाके के दिग्गज नेता अवधेश प्रताप सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

बीजेपी ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आदेश पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय प्रभारी द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि, 'आपके द्वारा पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव 2021 के BJP के अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध निरंतर पार्टी विरोधी गतिविधियों की जा रही है, जिसके लिये आपको भाजपा नेतृत्व द्वारा आगाह किया गया था। आपके कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है और यह घोर अनुशासनहीनता है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है।'

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दरअसल, अवधेश प्रताप सिंह का पृथ्वीपुर में अच्छा वर्चस्व माना जाता है। रिश्ते में वे कांग्रेस उम्मीदवार नितेंद्र सिंह राठौर के चाचा भी हैं। बताया जा रहा है कि वे पार्टी द्वारा बाहरी व्यक्ति को टिकट देने से नाराज थे और पार्टी के चुनावी अभियान से दूरी बना लिया था। माना जा रहा है कि उनके विरोध के कारण यहां बीजेपी उम्मीदवार शिशुपाल यादव की मुश्किलें बढ़ गई थी। शिशुपाल यादव मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और इसबार चुनाव से पूर्व ही वह बीजेपी में आए हैं। इसके पहले साल 2018 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

राजनीतिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक पृथ्वीपुर अकेला क्षेत्र नहीं है जहां बीजेपी को भीतरघात का डर सता रहा है, बल्कि सभी चार चुनाव क्षेत्रों में बीजेपी के लिए अपनों का विरोध मुसीबत का सबब बन गया है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह की टीम के लोग वहां बीजेपी उम्मीदवार से दूरी बना चुके हैं, जो पार्टी के लिए भारी पड़ता दिख रहा है। यही हाल कमोबेश जोबट विधानसभा क्षेत्र में भी है जहां कांग्रेस से आई सुलोचना को टिकट मिलने के कारण बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं ने बगावती तेवर अपना लिया है। 

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उधर रैगांव में तो बीजेपी उम्मीदवार प्रतिमा बागरी के घर वालों ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने अवधेश प्रताप को मनाने के बजाए कार्रवाई कर अन्य बागियों को संदेश देने का प्रयास किया है कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि इसी साल दमोह उपचुनाव में बीजेपी के लिए अपनों का विरोध भारी पड़ गया था। बीजेपी ने यहां भी कांग्रेस से आए राहुल सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया था और पार्टी को हार झेलनी पड़ी थी।