ग्वालियर जेल अधीक्षक सस्पेंड, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को VIP ट्रीटमेंट देने का मामला

सोमवार को दिग्विजय सिंह ग्वालियर जेल में कैद एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शिवराज यादव से मिलने पहुंचे थे, इस मुलाकात का वीडियो वायरल होने के बाद जेल अधीक्षक सस्पेंड

Updated: Apr 12, 2022, 11:56 AM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सोमवार को ग्वालियर सेंट्रल जेल पहुंचे थे। यहां उन्होंने NSUI के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के वीडियो के सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है।

जेल विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरती। जेल नियमों के विरुद्ध जाकर विचाराधीन कैदी की मुलाकात कराई गई जो गंभीर कदाचरण है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन के दौरान उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ते की प्राप्त होगी।

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मामले पर जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह को भी निशाने पर लिया है। मिश्रा ने कहा कि, 'दिग्विजय सिंह जी 10 साल तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। मैं समझता था कि उन्हें नियम प्रक्रियाओं की जानकारी होगी कि जेल के अंदर के फोटो वायरल नहीं किए जाते हैं।' दरअसल, यह मुद्दा मुलाकात से ज्यादा कांग्रेस बनाम बीजेपी की पॉवर पॉलिटिक्स का हो गया था। बीजेपी नेता लगातार इस मुलाकात को लेकर सवाल उठा रहे थे। इसके बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपना पॉवर दिखाते हुए जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया।

जेल में क्यों बंद हैं NSUI जिलाध्यक्ष

NSUI जिलाध्यक्ष शिवराज यादव लगातार ग्वालियर शहर में बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते थे। एक प्रदर्शन के दौरान वह सीएम का पुतला दहन कर रहे थे, तभी वहां इंदरगंज के सब इंस्पेक्टर गौतम ने पुतला छीनने का प्रयास किया था। इस छीनाझपटी में एसआई झुलस गए थे। जिसके बाद पुलिस ने NSUI जिलाध्यक्ष शिवराज यादव सहित कई लोगों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया। तब से ही NSUI जिलाध्यक्ष जेल में है, जबकि यह एक दुर्घटना का मामला है। 

सोमवार को यादव से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह जब मिलने पहुंचे थे जेल अधीक्षक ने उन्हें अपने केबिन में बैठाया। इसके बाद शिवराज यादव को वहीं केबिन में लाया गया, जहां दोनों की मुलाकात हुई। इस दौरान किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो के सामने आने के बाद जेल अधीक्षक पर गाज गिर गई।