रोजी-रोटी का संकट: ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों से हजारों लोगों का पलायन, सरकारी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बाढ़ के बाद गांव छोड़ने को मजबूर हैं लोग, पुनर्वास के लिए नाकाफी साबित हो रही सरकारी मदद, वैक्सीनेशन सर्वे में 61 हजार से ज्यादा लोगों के पलायन का खुलासा

Updated: Sep 16, 2021, 05:41 AM IST

Photo Courtesy: Aajtak
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ग्वालियर। मध्य प्रदेश का औधोगिक केंद्र माने जाने वाले ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों में पलायन एक बड़ी चुनौती उभरकर सामने आई है। बताया जा रहा है कि रोजी-रोटी का संकट देखते हुए हजारों की संख्या में लोगों ने गांव छोड़ दिया है। बीते दिनों आई बाढ़ के बाद पलायन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

ग्वालियर जिले का ग्रामीण क्षेत्र मुरार, बरई, भितरवार और डबरा ब्लॉक में बंटा हुआ है। इन चारों ब्लॉक को मिलाकर 60 हजार से ज्यादा लोगों ने पलायन किया है। यह जानकारी वैक्सीनेशन टीम द्वारा की गई सर्वे में निकलकर सामने आई है। दरअसल, ग्वालियर प्रशासन ने 100 फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय किया है।

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जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन, पंचायत, स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग की टीम जनवरी 2021 की मतदाता सूची से मिलान कर वैक्सीन लगा रही है। ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्र वाले चारों ब्लॉक में कुल 255 ग्राम पंचायत हैं। इनमें 4 लाख 45 हजार 517 मतदाता दर्ज हैं। लेकिन वैक्सीनेशन लिस्ट में यह बात सामने आई कि इनमें से 64 हजार 235 लोग हैं ही नहीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से 3217 लोगों की मृत्यु होने की सूचना वैक्सीनेशन टीमों ने प्रमाणीकरण पत्र में दी है। लेकिन बाकी के 61 हजार 18 लोग गांव में अपना घर छोड़कर जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में रोजी-रोटी का गंभीर संकट है, इसी वजह से लोग पलायन को मजबूर हैं। वहीं बाढ़ के बाद पलायन में और बढ़ोतरी हुई है क्योंकि लोगों का घर बह गया। बाढ़ पीड़ित पुनर्वास के लिए सरकारी राहत नाकाफी बता रहे हैं।

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मामले पर जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दूबे ने कहा कि नौकरी एवं व्यापार के लिए अथवा बाढ़ के कारण जो लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है उनकी अलग लिस्ट बनाई गई है। सूची के आधार पर ये समीक्षा की जा रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग क्यों पलायन क्यों कर रहे हैं।