CM के गृह जिले की बदहाली, सड़क के अभाव में प्रसव पीड़ा से कराहती प्रसूता को खाट पर भेजा गया अस्‍पताल

आशा नाम की एक महिला की डिलीवरी होनी थी, रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाई और मजबूरन गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर खटिया पर लाद कर पक्के रोड तक पहुंचाया।

Updated: Jul 25, 2023, 07:31 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान विकास के बड़े बड़े दावे करते हैं लेकिन आज भी प्रदेश के कई गांवों तक पहुंचने के लिए पक्की या कच्ची सड़क भी नही हैं। जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को आज भी खाट पर लेकर एंबुलेंस या कई बार अस्पताल तक ले जाना पड़ता है। बदहाल सडकों के कारण कई बार प्रसूता और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत तक हो जाती है। 

बदहाली की ऐसी ही तस्वीर सीएम शिवराज के गृह ज़िले के सीहोर से सामने आई है। सीहोर जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में सडक़ नहीं होने से गर्भवती को लेने एंबुलेंस घर तक नहीं आ सकी। नतीजतन परिजन दो किलोमीटर दूर खटिया पर लादकर गर्भवती को सडक़ तक लेकर पहुंचे, तब चार पहिया वाहन नसीब हो सकी।

सीहोर के इछावर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोया पानी का सुआ खेड़ा गांव जिसकी आबादी लगभग 500 लोगों की है। सुआं खेड़ा गांव कि लगभग 2 किलोमीटर रोड इतनी जर्जर और खराब है कि बारिश में इसमें चलना दूभर हो जाता है। बारिश के दिनों में इसमें कोई भी चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाता है। गांव में सडक़ नहीं होने की वजह से स्कूल के छात्र-छात्राओं को कीचड़ से सने रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ता है और सबसे अधिक मरीजों की फजीहत गांव में सडक़ नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को उठाना पड़ती है।

गांव की बदहाली की दास्तां बयां करता एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें 22 जुलाई को आशा नाम की एक महिला की डिलीवरी होनी थी। रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाई और मजबूरन उक्त प्रसिता महिला को ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर खटिया पर लाद कर पक्के रोड तक पहुंचाया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या लगभग 15 से 20 सालों से बनी हुई है। हर वर्ष बारिश में इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बीमार लोगों की मौत भी हो चुकी है।