मप्र साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के इंटरनेशनल रैकेट का किया खुलासा, 4 गिरफ्तार, चीन और पाकिस्तान से जुड़े हैं फर्म के तार

इंटरनेशनल आनलाइन ठगी गिरोह का खुलासा, मसाला व्यापारी से एक करोड़ की ठगी, फर्जी कंपनी बनाकर वसूले पैसे, क्रिप्टो करंसी में बदलकर पाकिस्तान भेजने का आरोप, CA, CS समेत 4 लोग गिरफ्तार, भोपाल, इंदौर से मिली कई शिकायतें

Updated: Jul 06, 2021, 02:03 PM IST

Photo Courtesy: mid day
Photo Courtesy: mid day

भोपाल। साइबर सेल ने एक इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आऱोपियों को गिरफ्तार किया है। दो लोग अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर है, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक चार्टेट अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, समेत दो लोग शामिल हैं। आरोपियों के पास से 60 डिजिटल सिग्नेचर शेल फर्म के निर्देशकों के, 3 लैपटॉप, 4 पेनड्राइव, एक मोबाइल, किरप्टो ट्रेडिंग स्टेटमेंट सहित कई अहम कागजात बरामद किए हैं।

ऑनलाइन ठगी के आरोपी ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को फंसाते थे। वे कारोबारियों को ज्यादा फायदा दिलाने के नाम पर फंसाते थे औऱ ठगते थे और ठगी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदल कर विदेश भेजते थे। आरोप है कि इनके संबंध पाकिस्तान और चीन से भी हैं। ठगी के इस इंटरनेशनल रैकेट में 6 भारतीय नागरिक शामिल हैं, जिनमें से चार को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो की तलाश जारी है। इस ठगी में पाकिस्तान और चीनी नागरिकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 

दिल्ली, गुड़गांव और राजकोट से हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने हरियाणा के गुड़गांव में रहनेवाले चार्टर्ड अकाउंटेंट ऐविक केडिया को गिरफ्तार किया है। इस पर फर्जी फर्म रजिस्टर करवाने और बैंक खाते खुलवाने और फर्म के साथ-साथ खातों की डीटेल संदिग्धों को उपलब्ध कराने का आरोप है। CA पर चीनी नागरिक से ट्रांजेक्शन का भी आरोप है। वहीं दूसरी आरोपी भी दिल्ली की रहने वाली कंपनी सेक्रेटरी डॉली मखीजा है, इस पर भी फर्जी लोगों के नाम से निवासी फर्म्स बनाकर बैंक खातों से ट्रांजेक्शन करने और लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप है।  

इसी मामले में गुजरात के राजकोट निवासी दिलीप पटेल को भी पकड़ा गया है। इसकी फर्म विक्टेक प्रायवेट लिमिटेड अपनी कंपनी में जमा कराई गई राशि को बैंकों से निकालकर क्रिप्टो करेंसी के जरिए ट्रांसफर करने का काम करती थी। यह लोगों के ठगी के लिए फर्जी इमेल्स का उपयोग करता था।

साथ ही दिल्ली के विक्की माखीजा पर विक्की माखीजा फर्म्स के खाते में डायरेक्टर बनना और फर्म्स को बेचकर पैसे वसूलने का आरोप है। यह दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में हैं आरोपी के खाते से करीब 97 लाख रुपए सीज करने की कार्रवाई हुई है।

तीन महीने में एक करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन

भोपाल की सायबर पुलिस के पास एक बिजनेस मैन ने करीब दो महीने पहले 16 मई अपने साथ हुई आनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने पुलिस को बताया था कि ठगों ने एक वेब पेज की आईडी बनाकर उससे मसालों में ट्रेडिंग के नाम पर मार्च से मई 2021 के तीन महीनों के बीच करीब एक करोड़ रुपए जमा करवाए हैं। यह ट्रांजेक्शन मार्च से मई के बीच कई बार हुआ। फरियादी का कहना है कि ये पांचों खाते दिल्ली, गुड़गांव, राजकोट की फर्म के चालू बैंक खाते थे।

फर्जी फर्म के खातों में 50 लाख रुपए फ्रीज

सायबर पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से ऑनलाइन ठगी करता था। इस अंतर्राष्ट्रीय गिरोह ने इस दौरान अलग-अलग लोगों से करीब 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया है। इन रुपयों को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पाकिस्तान भेजने के भी सबूत मिले हैं, आशंका जाताई जा रही है कि इस राशि का उपयोग टेरर फंडिंग में किया जा सकता है।  साइबर पुलिस ने सभी संदिग्ध बैंक अकाउंट्स और क्रिप्टो ट्रेडर्स के खाते ब्लॉक कर दिए हैं, उनमें जमा करीब 50 लाख रुपए फ्रीज कर दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई जारी है।

फरियादी ने पुलिस में की शिकायत में बताया है कि डेटिंग एप्लीकेशन BUMBLE पर उसकी पहचान किसी विदेशी महिला से हुई थी। उससे दोस्ती होने पर उसने उसे अपने जाल में फंसाया था, महिला ने फरियादी बिजनेस मैन से कहा था कि उसने मसालों के बिजनेस के खूब पैसे कमाए हैं।

डेटिंग साइट पर दोस्ती कर जीता भरोसा

महिला ने फरियादी का भरोसा जीता और उसे फर्जी मालीशस वेब पेज विथ लाइव डेशबोर्ड के बारे में बताया। फरियादी का कहना है कि उस लाइव पेज पर कई सारे फेक ट्रांजेक्शन दिखाए गए, जिससे वह उनके झांसे में आ गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता फरियादी से विभिन्न बैंको के खातों में रुपए जमा करने को कहा गया। इसके बाद ICICI, KOTAK, MAHINDRA बैंक खातों में 5 फर्म के नाम पर एक करोड़ रुपए डिपोजिट करवाए। फिर फर्जीवाड़ा कर विदेशों को भेज दिए फरियादी ने अपनी रकम निकालने की कोशिश की तब मामले का खुलासा हुआ। भोपाल के साथ-साथ इंदौर से भी इसी तरह की शिकायतें सामने आई हैं।