कांग्रेस का आंतरिक मामला तो भाजपा नेता बेंगलुरु में क्या कर रहे हैं?

बेंगलुरू में सिंधिया समर्थक विधायकों को मनाने गए मप्र के मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ पुलिस की झड़प हो गई। उन्हें गिरफ्तार किया गया। भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद विवेक तन्खा व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ पुलिस ने अभद्रता की है। सिंह ने कहा कि भाजपा इसे कांग्रेस का आंतरिक मसला बता रही है तो विधायकों के साथ बेंगलुरु में भाजपा नेता क्‍या कर रहे हैंं?

Publish: Mar 13, 2020, 08:28 AM IST

congress press conference in bhopla
congress press conference in bhopla

भाजपा की ‘कैद’ में विधायक, मप्र के मंत्रियों का बेंगलुरू में धरना 

बेंगलुरू/भोपाल।
प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मिलने बेंगलुरु गए मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह को कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया। बाद में दोनों को पुलिस ने छोड़ दिया। रिसॉर्ट में पटवारी और लाखन की पुलिस अधिकारियों से धक्का-मुक्की हुई थी।

जीतू पटवारी ने हिरासत से छूटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है? मंत्री पटवारी ने कहा- कांग्रेस के कुछ विधायक हमसे मिलना चाहते थे। यहां पर मेरे चचेरे भाई मनोज चौधरी को भी रखा गया है। मैं अपने भाई से यहां मिलने आया, लेकिन हमें रोका गया। हम अपने दोस्तों से मिलना चाहते हैं तो क्या यह गुनाह है? क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है? भला हो शिवकुमारजी का, उन्होंने हमें पुलिस की गिरफ्तारी से बचाया। इन विधायकों ने 15 साल तक संघर्ष किया। उन पर भावनात्मक दबाव डालकर फोन ले लिए गए। भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सिंधिया राज्यसभा जाएंगे, मंत्री बन जाएंगे, लेकिन इस्तीफा देने वाले विधायकों का क्या होगा? मेरे साथी विधायकों की वेदना मैं समझ सकता हूं।


विधायक को पिता से भी नहीं मिलने दिया 
भोपाल में पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस नेता सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि बेंगलुरु में ठहरे विधायक मनोज चौधरी के पिता भी  पटवारी के साथ थे। चौधरी पर भाजपा ने दबाव बनाया हुआ है। मनोज चौधरी को अपने पिता से भी मिलने नहीं दिया गया। हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रही है। पटवारी 9-10 विधायकों को भाजपा का साथ छोड़ने पर राजी कर चुके थे। लेकिन, भाजपा के दबाव में काम कर रही पुलिस ने मंत्रियों के साथ बदसलूकी की और उन्हें हिरासत में ले लिया।

प्लान ‘ए’ फेल हुआ तो लागू किया प्लान ‘बी’
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने विधायकों को पहले होटल ग्रैंड मानेसर में क़ैद कर रखा था। यहां भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया के साथ हरियाणा के 150 गुंडे थे। मुझे गेट पर रोक दिया गया। पैंसेजर लिस्ट हमारे पास मौजूद थे। अरविंद भदौरिया चार विधायकों को लेकर चले गए थे। जब उनका प्लान ए फेल हो गया तो 6-7 मार्च से प्लान बी शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया कि अब हम सिंधिया के ज़रिए प्लान सक्सेस करेंगे। इसके बाद 7 मार्च को को सूचना आई कि वे हमारे 17 विधायकों को लेकर चले गए। सिंह ने कहा कि भाजपा नेता कमलनाथ सरकार के संकट को अंदरूनी कलह बता रहे हैं तो वे जवाब दें कि जहां-जहां विधायकों को रखा गया है वहां भाजपा नेता क्या कर रहे हैं? कांग्रेस के विधायकों के त्याग पत्र भाजपा नेता लेकर क्यों आ रहे हैं?