गांव खाली नहीं करने पर गुंडों ने मुस्लिम परिवार पर किया जानलेवा हमला, RSS और BJP के लोगों पर लगा आरोप

इंदौर के कंपा पेवड़ा गांव का मामला, गांव में गुजर बसर करने वाले इकलौते मुस्लिम परिवार पर बीती रात गांव के कुछ गुंडों ने हमला कर दिया, हमले में परिवार के लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए, मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है

Updated: Oct 10, 2021, 06:06 AM IST

इंदौर। मामा के राज में अल्पसंख्यकों और वंचितों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इंदौर के कंपा पेवडा गांव में शनिवार को गुंडों ने एक मुस्लिम परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया। इस जानलेवा हमले में परिवार के पांच सदस्य बुरी तरह से घायल हो गए।जख्मी लोगों को इंदौर के एमवाय अस्पताल ले जाया गया। 

एमवाय अस्पताल में इलाज कराने के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। यह घटना जिस गांव में हुई, वह सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। शिवराज सरकार में मंत्री तुलसीराम सिलावट इसी सीट से विधायक हैं।  

पीड़ित परिवार गांव में गुजर बसर करने वाला इकलौता मुस्लिम परिवार है। गांव खाली करने का अल्टीमेटम न मानने वाले मुस्लिम परिवार को गुंडों ने लोहे की रोड से पीट डाला। पिटाई का आरोप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ताओं पर लग रहा है। 

एक महीने पहले घर खाली करने का मिला था अल्टीमेटम 

पीड़ित परिवार तीन चार साल पहले ही गांव में रहने आया था। गांव से थोड़ा हटकर मुस्लिम परिवार का घर है, वे यहां पर लोहारी का काम करते हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि एक महीने पहले ही उनके घर में अज्ञात लोगों ने लूट की थी, जिसमें वे घर से अस्सी हजार रुपए लूटकर चले गए। इसके बाद कुछ गुंडों ने उन्हें गांव खाली करने की धमकी दी। गुंडों ने मुस्लिम परिवार को धमकी देते हुए कहा था कि हमारे गांव में कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए। 

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गुंडों की धमकी पर पीड़ित परिवार ने आपसी भाईचारे को बनाए रखने की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद गुंडों ने परिवार को एक महीने के भीतर गांव खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। पीड़ित परिवार ने जब घर खाली नहीं किया, तब बीती रात ही करीब सौ से ज्यादा की संख्या में हिन्दू संगठनों के लोगों ने परिवार पर हमला कर दिया। 

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इस मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन अब तक पीड़ित परिवार को एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार इस पूरे मामले में पुलिस पर हमलावरों को बचाने का आरोप लगा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी पीड़ित परिवार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। हम समवेत ने इस मामले में जब अधिवक्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार पर हमला करने वाले कुछ लोग गांव के ही रहने वाले थे। जबकि कुछ बाहरी थे। जब बीती रात वे पीड़ित परिवार के साथ उनके घर पहुंचे तब चार पुलिसकर्मी घर के बाहर पहले से तैनात मिले।

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हालांकि हाशमी ने बताया कि अब तक पुलिस की ओर से एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई है। अगर इस मामले में पुलिस आज ही संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो वे पीड़ित परिवार के साथ इस सिलसिले में इंदौर आईजी से मुलाकात करेंगे।