MP में पोचर्स बेखौफ, पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर हंट का मामला, फंदे से लटका मिला बाघ का शव

मध्य प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं टाइगर्स, एक और बाघ की हत्या, खुलेआम घूम रहे शिकारी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए में बेचा जाता है खाल।

Updated: Dec 07, 2022, 09:58 AM IST

पन्ना। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में टाइगर हंट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन यहां बाघों की संदिग्ध मौत हो रही है। बुधवर सुबह पन्ना टाइगर रिजर्व में बीच एक बाघ मृत अवस्था में पाया गया है। बाघ का शव फंदे से लटका हुआ पाया गया, जिससे स्पष्ट है कि शिकारियों ने बाघ की हत्या की है। 

घटना उत्तर वन मंडल क्षेत्र के पन्ना रेंज के लक्ष्मीपुर से विक्रमपुर के जंगल की है। यहां एक व्यस्क युवा बाघ की पेड़ के फंदे में फांसी लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। देश की यह पहली घटना होगी जब एक बाघ की फांसी लगने से मौत हुई। बाघ के शव से मालूम होता है कि मौत पांच दिन पहले हुई होगी।

बाघ का शव क्लज वायर से लटका हुआ था। जैसे ही टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने बाघ के शव को देखा तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। वहीं बाघ के शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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गौरतलब है कि साल 2009 में पन्ना में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे। बाघों की दुनिया को पुनः आबाद करने 'टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम' चलाया गया, जो काफी सफल रहा। इस प्रोग्राम के जरिए बाघों की संख्या बढ़कर 50 से ज्यादा हो गई है। हालांकि, अब बाघों के मरने की खबरें आने लगी हैं जो बेहद चिंताजनक है।

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में रिलोकेशन प्रोग्राम ने अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन अब लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्य प्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है। प्रदेश में एक के बाद एक टाइगर हंटिग की सिलसिलेवार घटनाएं वन विभाग की कार्यशैली पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि राज्य सरकार पोचर्स को ठिकाने लगाने में असफल है। पेंच, कूनो, बांधवगढ़, पन्ना और कान्हा इलाके में अब भी कई खतरनाक शिकारी बेखौफ घूम रहे हैं। उनमेन, मोहर पारदी, रामपूजन पारदी, बासु पारदी, रामवीर पारदी समेत कई इनामी शिकारी जो वांटेड हैं, वह इन क्षेत्रों में आसानी से भ्रमण करते मिल जाएंगे। लेकिन वन विभाग को उसकी कोई जानकारी तक नहीं होती। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बाघ का खाल करीब 6 करोड़ रुपए में बेचा जाता है।