भोपाल की आबोहवा में घुल रहा जहर, 300 के पार पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स

शहर में अचानक इतना प्रदूषण बढ़ने के पीछे की वजह लगातार बढ़ते प्रदूषण के साथ-साथ निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल को भी माना जा रहा है।

Updated: Nov 22, 2023, 10:41 AM IST

सर्दी की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दम घुटने लगा है। भोपाल में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। यहां की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। वहीं, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल 300 के पार पहुंच गया है। शहर में अचानक इतना प्रदूषण बढ़ने के पीछे की वजह लगातार बढ़ते प्रदूषण के साथ साथ निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल को भी माना जा रहा है। अभी भोपाल में मेट्रो, कोलार सिक्सलेन समेत कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिसके कारण सड़कें भी जर्जर हैं। जो लगातार प्रदूषण को बढ़ने का काम कर रही है। 

मंगलवार को शाहपुरा में AQI लेवल 306, ईदगाह हिल्स और कोहे फिजा में 308, टीटी नगर में 278 तक पहुंच गया था। बताया जा रहा है कि यह स्थिति दिवाली की रात से भी भयानक है। वहीं शहर के लोग ये प्रदूषित हवा लेने को मजबूर है। प्रदूषण बढ़ने का सीधा असर लोगों की स्वस्थ पर दिखने लगा है। अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। यह संख्या आम दिनों के मुकाबले दोगुनी हो गई है। 

ये है मुख्य कारण 

1. शहर में लगातार दौड़ती गाडियां भी प्रदूषण बढ़ने का काम कर रही है। निगम सहित कई विभागों में आज भी पुरानी गाड़ियां चल रही है जिसे काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण होता है। इसके साथ साथ ऑटो, रिक्शा समेत अन्य गाडियां भी तेजी से प्रदूषण बढ़ा रही हैं

2.शहर में तेजी से ठंड बढ़ने लगी है। जिसकी वजह से वायुमंडल में घूम रही जहरीली गैसे पर्यावरण में डिसॉल्व नही हो रही हैं। जिससे लगातार प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है और एक्यूआई लेवल में इजाफा हो रहा है।

3.भोपाल में एक AQI लेवल बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण धूल को माना जा रहा है। फिलहाल भोपाल में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। सुभाष नगर से एम्स के बीच 6 किलोमीटर तक मेट्रो लाइन बनाने का काम चल रहा हैं। इसके अलावा कोलार में लगभग 15 किलोमीटर लंबा सिक्सलेन बनाया जा रहा हैं। इस निर्माण कार्य में तेजी से तोड़फोड़ की जा रही है। जो प्रदूषण बढाने का काम कर रही है। 

4.अभी खेतों में खड़ी फसलों की कटाई का काम चल रहा है। जिसके बाद किसान पराली जलाएंगे और कुछ ने तो जलानी शुरू कर दी है। यह भी शहर में प्रदूषण बढ़ने का काम कर रही हैं।

बता दें कि इसे लेकर कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा भी चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कलेक्टर और निगम कमिश्नर के साथ 20 नवंबर को मीटिंग की और प्रदूषण को रोकने के लिए इंतजाम करने की बात भी कही है। पॉल्यूशन रोकने के लिए जिला प्रशासन ने ईंधन से फूल टैंक करने पर गाड़ी का पीयूसी मुफ्त करने का फैसला लिया है। साथ ही हर गाड़ी का पीयूसी अनिवार्य करने का भी फैसला लिया है। पराली जलाने पर भी प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।