संघ प्रचारकों ने भाजपा के खिलाफ खोला मोर्चा, जनहित पार्टी गठित कर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ पूर्व प्रचारकों ने कट्‌टर हिंदुत्व के एजेंडे पर अलग पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। भोपाल में हुई बैठक में इसके पांच सूत्रीय एजेंडा तय किए गए हैं।

Updated: Sep 10, 2023, 01:31 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की नैय्या डूबती नजर आ रही है। हाशिए पर पड़े पार्टी के नेता एक-एक करके बीजेपी छोड़कर जा रहे हैं। बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य विकास पार्टी बनाकर अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारकों ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ के पूर्व प्रचारकों ने अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरु कर दी है।

भोपाल के मिसरोद स्थित एक निजी स्कूल में रविवार हुई बैठक में संघ के पूर्व प्रचारकों ने जनहित पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घाेषणा की है। कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद संघ के पूर्व प्रचारक अभय जैन ने कहा आज पार्टी की पहली स्थापना बैठक हुई है। सभी लोगों ने अपना शपथ पत्र देकर पार्टी के गठन का प्रस्ताव कर दिया है। हम अपनी तरफ एफिडेविट लगा देंगे।

जैन ने आगे कहा की अभी की जो सारी राजनीतिक पार्टियां हैं उनका पॉलिटिकल कल्चर है वह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। उस कसौटी पर सब फेल हैं। वोटर को लुभाना, खरीदने में लगे हैं। शासन तंत्र में सुधार किसी के भी एजेंडे में नहीं है। ना ही जनता पर ध्यान देने के लिए उनके पास फुर्सत है। भोपाल में हुई बैठक में हमने पांच सूत्रीय एजेंडा तय किए गए हैं। इन्हीं पांच बिंदुओं के आधार पर जनहित पार्टी मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार को आगामी चुनाव में घेरेगी।

जनहित पार्टी का एजेंडा

* अगर कोई व्यक्ति पुलिस थाने में जाता है उनकी रिपोर्ट बिना किसी सिफारिश के, बिना पैसे लिए लिखी जाए।
* स्कूल में बिना फीस के शिक्षा मिलनी चाहिए। सारी शिक्षा निशुल्क हो।
* अस्पतालों में गरीब हो या अमीर सबको बराबर का इलाज समय पर और सही मिल जाए।
* न्यायालय में न्याय की गति शीघ्र हो। एसडीएम, तहसील कार्यालय में खसरे की नकल से लेकर एक विद्यार्थी को अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाना हो तो उसको चक्कर न लगाने पड़े। उसके काम तुरंत हो जाएं। अगर कोई एप्लीकेशन दे रहा है तो उसे सरकारी दफ्तर में हर बार में पूछने न आना पड़े।
* सरकार उसके घर पर काम कराकर भिजवाए।
जितनी जिम्मेदारी जनता की है उतनी ही जिम्मेदारी शासन तंत्र की है जनता की समस्याओं को समय पर सही तरीके से हल करें।