जूते की दुकान खोलने वाले बच्चे पर फूटा शाजापुर अपर कलेक्टर का गुस्सा, दुकान खोलने पर जड़ दिया थप्पड़

शाजापुर में अपर कलेक्टर का बच्चे को थप्पड़ मारते हुए वीडियो वायरल, पुलिसकर्मी भी बच्चे को लाठी से मारते दिखा, वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर पर कार्रवाई की मांग

Updated: May 24, 2021, 07:46 AM IST

शाजापुर। इस समय सोशल मीडिया पर प्रशासनिक अधिकारियों के थप्पड़ मारो अभियान ने अपनी जगह बना रखी है। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में कलेक्टर द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारे जाने के बाद अब मध्यप्रदेश के शाजापुर की अपर कलेक्टर का एक बच्चे को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल हो रहा है। 

शाजापुर की अपर कलेक्टर मंजूषा विक्रांत राय कोरोना कर्फ्यू का जायज़ा लेने दौरे पर निकली थीं। रास्ते में एक जूते की दुकान खुली देखकर कलेक्टर ने अपना काफिला रोक दिया। जूते की दुकान पर एक बच्चा काम कर रहा था। बच्चे ने प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए कहा कि उसका घर इसी दुकान में है। बच्चे का इतना कहना था कि प्रशासनिक अधिकारी टूट पड़े। बच्चे को दुकान के बाहर निकलने के लिए पिटाई हो गई। 

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बच्चे के दुकान से बाहर निकलते ही कलेक्टर साहिबा और उनके साथ मौके पर मौजूद प्रशासनिक अमले का पूरा गुस्सा बच्चे पर निकल पड़ा। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने बच्चे के ऊपर लाठी चला ही दी थी कि उसने खुद को रोक लिया। तो वहीं अपर कलेक्टर ने बच्चे पर अपना पूरा गुस्सा निकालते हुए थप्पड़ जड़ दिया। 

मंजूषा विक्रांत राय का वीडियो वायरल होने के बाद छत्तीसगढ़ की ही तर्ज पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले के डीएम रणबीर शर्मा ने दवाई लेने जा रहे युवक की पिटाई की थी, जिसके बाद राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने कलेक्टर पर तुरंत कार्रवाई करते हुए कलेक्टर का तबादला कर दिया। और मोबाइल तोड़ने के बदले युवक को नया मोबाइल भी सीएम की तरफ से भेंट किया गया।

हालांकि मध्यप्रदेश में प्रशासन द्वारा कार्रवाई के नाम पर थप्पड़ जड़ने और बेहरमी से पिटाई का यह इकलौता मामला नहीं है। कुछ ही दिनों पहले इंदौर में पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को सरेआम पिटाई करते दिखे थे। वहीं दो दिन पहले ही मुरैना के जौरा में प्रशासनिक अधिकारियों को अपने घर के बाहर मास्क लगाकर बैठे हुए व्यक्ति की पिटाई करने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सागर में एक महिला की उसकी बेटी के सामने पिटाई का मामला तो अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है। मगर एमपी सरकार ने इन सारी घटनाओं पर किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक नहीं किया है।