MP में स्वास्थ्य सुविधाओं की शर्मनाक तस्वीर, दादा के शव को 15KM बाइक पर ले जाने को मजबूर हुआ पोता

परिजनों ने बताया कि उन्होंने जिला अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की। लेकिन रविवार की वजह से छुट्टी है, कहकर उसकी बात को अनसुना कर दिया गया।

Updated: Nov 27, 2023, 09:45 AM IST

शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल से स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली का शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक युवक को अपने दादा का मृत शरीर को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिजनों ने बताया कि उन्होंने जिला अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की थी। लेकिन रविवार की वजह से छुट्टी है, कहकर उसकी बात को अनसुना कर दिया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जनपद पंचायत सोहगपुर अंतर्गत ग्राम धुरवार निवासी 56 वर्षीय ललुईया बैगा को बीपी हाई होने पर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान ललुईया बैगा की रविवार की सुबह मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल से शव वाहन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। हालांकि, अस्पताल द्वारा शव ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया।

आदिवासी परिवार के पास किराए पर निजी वाहन लेने के लिए पैसे नहीं थे। थक-हारकर मृतक के पोते ने बाइक पर ही दादा ललुइया बैगा का शव रखा और ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर रवाना हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस दौरान बाइक पर शव को पोता संभाल नहीं पा रहा था, जिससे मृतक का शव बार-बार बाइक से गिरता नजर आ रहा था। इस घटना के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन एक फिर कटघरे में है।

घटना सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व सीएम ने पूछा कि वे सारे एम्बुलेंस और शव वाहन जो मध्य प्रदेश सरकार ने ख़रीदे थे वे कहाँ गये? बहरहाल, मामला तूल पकड़ने के बाद जिला हॉस्पिटल के अधिकारियों ने सफाई भी दी है। सिविल सर्जन जीएस परिहार ने कहा कि अस्पताल को शव वाहन नगर पालिका या समाजसेवी संस्था मुहैया कराती हैं, जिसके लिए कॉल भी किया गया था। गाड़ी आने में थोड़ा समय लग रहा था। परिजनों को बाहर बैठाया गया था, लेकिन वे बिना बताए ही शव को लेकर चले गए।