भावांतर योजना के लिए शिवराज सरकार ने रखा मात्र 1000 रूपये का बजट, कृषकों की मुसीबत बनी भाजपा: सुरजेवाला
दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का रिश्ता शोले के धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसा रिश्ता है, ना वहां गब्बर सिंह झगड़ा करवा पाए थे और ना ही यहां गब्बर सिंह झगड़ा करवा पाएंगे: रणदीप सिंह सुरजेवाला
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि शिवराज सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में भावांतर योजना पर महज 1000 रुपए का बजट रखा। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को लेकर सुरजेवाला ने कहा कि उनके बीच शोले के धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसा रिश्ता है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को पीसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'शिवराज चौहान ने पर्ची देकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से 02 सितंबर, 2023 को चित्रकूट में चुनावी घोषणा करवा दी कि मध्य प्रदेश में भावांतर योजना बहुत अच्छी चल रही है। सच्चाई यह है कि म.प्र में शिवराज सरकार ने भावांतर योजना पर ताला लगा दिया है। साल 2023-24 के बजट में भावांतर योजना में ₹1,000 का प्रावधान है। वहीं, साल 2021-22 और साल 2022-23 में एक फूटी कौड़ी भी इस योजना में खर्च नहीं की। जबकि मप्र की कांग्रेस सरकार ने 2019-20 में इस योजना में 422.84 करोड़ रूपये खर्च किये थे, तथा किसानों को लाभ दिया था।'
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सुरजेवाला ने आगे कहा, 'शिवराज सरकार के 18 सालों को दमनकारी, क्रूर, कपटी और किसान विरोधी काल के रूप में याद किया जायेगा। फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने पर गोलियां चलाने वाले शिवराज ने हमेशा किसानों के साथ छल किया है। फरवरी 2016 में सीहोर में सीएम शिवराज ने कहा कि किसान को लागत और 50% मुनाफा देंगे। प्रधानमंत्री ने इसे कई बार दोहराया। भाजपा की केंद्र सरकार एमएसपी (समर्थन मूल्य) की घोषणा तो करती है, खरीदी नहीं करती। पूरे देश में धान के उत्पादन से खरीद आधी हुई। गेहूं में भी 18% खरीद हुई। तिलहन, दलहन में 1% से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई।'
सुरजेवाला ने कहा, 'भाजपा सरकार ने किसान कल्याण विभाग को किसान दुर्दशा विभाग बना दिया है। शिवराज सरकार ने पिछले 6 माह अर्थात अप्रैल से सितम्बर 2023 तक किसान कल्याण विभाग की 23 केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में से 19 योजनाओं में एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। जैसे परंपरागत कृषि विकास योजना, स्वाईल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरणों पर अनुदान जैसी इत्यादि। मध्य प्रदेश में किसान की आय मजदूर की दिहाड़ी से कम हो गई बाई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विभाग की संसदीय समिति ने बताया कि मप्र के किसानों की आमदनी साल 2015-16 में ₹9,740 प्रतिमाह से घटकर ₹8,339 प्रतिमाह रह गई है, यानि ₹277 प्रतिदिन, प्रति किसान परिवार। इसका मतलब पाँच सदस्यों के किसान परिवार में आय है ₹55 प्रति सदस्य प्रतिदिन है।'
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कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवराज सरकार के 18 सालों में 20,489 किसानों को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा। प्रदेश में ‘किसान सम्मान निधि’, ‘किसान अपमान विधि’ बन चुकी है। एक तरफ तो मोदी- शिवराज सरकारों ने पिछले 9 वर्षों में खेती की लागत ₹25,000 प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी, तो दूसरी ओर उन्हीं की जेब से बढ़े हुए डीज़ल-खाद-बिजली-बीज से पैसे वसूली कर किसान को ₹6,000 प्रति किसान परिवार प्रतिवर्ष देने का स्वांग रचा। पर अब केंद्रीय भाजपा सरकार करोड़ों किसानों का हक छीन धोखा कर रही है। संसद में 08 अगस्त, 2023 को भाजपा सरकार ने आँकड़े पेश किए, जिससे साफ हो गया कि साल 2023-24 में 2.15 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि से वंचित कर दिया गया है, वहीं म.प्र. में तो यह आँकड़ा और चौंकाने वाला है। म. प्र. के 8 लाख 97 हजार 208 किसानों को वंचित कर दिया गया है।'
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ के बीच अनबन से जुड़े एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी में सिर फुटव्वल जारी है। भाजपा में घमासान मचा है। हमारे यहां कहावत है खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, भाजपाई अपनी खीझ मिटाने के लिए इस तरह की बातें रोज कर रहे हैं। बीजेपी वालों, आपको हमारी पार्टी से क्या तकलीफ है? दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और हमारी पार्टी के सभी नेताओं के अंदर प्रेम और समन्वय है। मध्य प्रदेश के विकास और तरक्की के लिए इन दोनों का रिश्ता शोले के धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसा रिश्ता है। वही कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का रिश्ता है। ना वहां गब्बर सिंह झगड़ा करवा पाए थे और ना ही यहां गब्बर सिंह झगड़ा करवा पाएंगे।'