सीधी बस हादसे के 36 घंटे बाद मुख्यमंत्री ने 4 अफसरों को किया निलंबित

बस एक्सिडेंट के सिलसिले में सीधी के RTO, MPRDC के मैनेजर, AGM निलंबित, मुख्यमंत्री ने कहा 32 सीटर बस में 62 लोगों को कैसे बैठने दिया गया, हादसे की उच्च स्तरीय जांच के भी दिए आदेश

Updated: Feb 18, 2021, 08:07 AM IST

Photo Courtesy: Zee news
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भोपाल। सीधी बस हादसे में 51 लोगों की मौत के बाद आखिरकार अब प्रशासन की नींद खुली है। प्रशासन ने सीधी RTO, मध्यप्रदेश रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन (MPRDC) के मैनेजर और AGM को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने सीधी दौरे के दौरान प्रशासन से सवाल किया है कि जब यात्री बस में 32 यात्रियों के बैठने की जगह है तो उसमें 62 लोगों को क्यों बैठने दिया गया।

सरकार ने सीधी बस दुर्घटना के करीब 36 घंटे बाद बुधवार देर रात जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। बस हादसे की शुरुआती जांच में सीधी RTO, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के मैनेजर, एडिशनल जनरल मैनेजर सहित चार अफसरों को दोषी पाया है जिसके बाद उन्हें सस्पेंड करने की कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बस में ओवर लोडिंग को लेकर भी सवाल उठाए हैं

सीधी में मृतकों के परिजनों से मुलाकात के बाद बुधवार रात में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सीधी कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली थी। और शुरुआती तौर पर दोषी अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री ने सीधी बस हादसे की विस्तृत जांच कराई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि हादसे के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी उन्हें सजा के लिए तैयार रहना होगा।

 उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी MPRDC की है। ऐसे में खस्ताहाल सड़कों को सुधरवाने का जिम्मा अफसरों का है, अगर सुधार नहीं होता है तो इसके लिए अफसर दोषी हैं। मुख्यमंत्री ने MPRDC के मैनेजर, एडिशनल जनरल मैनेजर समेत चार अफसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सीधी जिले की जिस सड़क पर जाम की स्थिति बनती है, उसका समाधान जल्द से जल्द निकाला जाएगा। MPRDC के मैनेजिंग डायरेक्टर और इंजीनियरों को सीधी बुलाया गया है। ताकि इस सड़क का निर्माण लॉन्ग टर्म प्लान के तहत किया जा सके। इस सड़क निर्माण के लिए दोनों तरफ के ट्रैफिक को 6-6 घंटे के लिए रोके जाने और जिगना से भरतपुर तक वैकल्पिक सड़क का निर्माण की बात भी मुख्यमंत्री ने कही है।

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वहीं दोषियों पर कार्रवाई के साथ ही मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी और तत्परता के लिए SDRF-NDRF और स्थानीय प्रशासन की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने वाले लवकुश लोनिया, सत्येंद्र और शिवरानी को 5-5 लाख रुपए सम्मान निधि देने और शिवरानी की पढ़ाई का जिम्मा सरकार द्वारा लेने का ऐलान किया है।