MP Cabinet: नियम से ज़्यादा मंत्री पर Supreme Court का Notice

Shivraj Cabinet Expansion: तय संख्या से ज़्यादा मंत्रियों की नियुक्ति पर विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर की याचिका

Publish: Jul 23, 2020, 02:51 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। शिवराज कैबिनेट में नियम से ज़्यादा मंत्रियों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने तय संख्या से ज़्यादा मंत्रियों की नियुक्ति के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। प्रजापति ने शिवराज कैबिनेट में सदस्यों की संख्या को चुनौती दी है।

शीर्ष अदालत ने राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। शीर्ष अदालत में प्रजापति की ओर से कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने पक्ष रखा।

याचिका में क्या कहा गया है ?
दरअसल शिवराज सरकार ने 2 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार किया था। 6 सदस्यों वाली शिवराज  कैबिनेट में 28 अन्य मंत्रियों को जगह दी गई थी। इसके बाद से ही कांग्रेस शिवराज कैबिनेट में संविधान की नियमावली से ज़्यादा सदस्यों को जगह देने का मुद्दा उठा रही है। सुप्रीम कोर्ट में प्रजापति की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शिवराज कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या संविधान के अनुच्छेद 164 1 (अ) का अनुसरण नहीं करती है। याचिका में कहा गया है कि संविधान में वर्णित तय नियम के अनुसार मंत्रियों की संख्या विधानसभा की प्रभावी संख्या से 15 प्रतिशत के अधिक नहीं हो सकती लेकिन शिवराज कैबिनेट के सदस्यों की संख्या इसकी मुखालिफत करती है। लिहाज़ा सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है।

नियम क्या कहता है ? 
किसी विधानसभा में मंत्रियों की संख्या कितनी हो सकती है इसकी व्याख्या संविधान का अनुच्छेद 164 1( अ ) करता है। संविधान के अनुच्छेद 164 1(अ) के तहत राज्य सरकार में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा की संख्या का कम से कम 12 फीसदी होनी चाहिए। कैबिनेट में मंत्रियों की अधिकतम संख्या विधानसभा का 15 फीसदी हो सकती है। मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले राज्य सरकार में मुख्यमंत्री समेत 6 मंत्री थे। मंत्रिमंडल विस्तार से 28 और मंत्रियों के शपथ लेने के बाद यह संख्या अब 34 हो गई है। विधानसभा की संख्या अभी कुल 206 विधायकों की है। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 30 या 31 ही हो सकती है।