छतरपुर के बकस्वाहा के जंगल में पन्ना से 15 गुना ज्यादा हीरे का भंडार मिला, 3.42 करोड़ कैरेट हीरे दबे होने का दावा

छतरपुर के जंगलों से हीरा निकालने के लिए चढ़ाई जाएगी सवा दो लाख से ज्यादा पेड़ों की बलि, 50 साल तक आदित्य बिड़ला समूह को पट्टे पर दी गई जमीन

Updated: Apr 03, 2021, 06:50 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर में देश के सबसे बड़े हीरा भंडार मिलने की खबर है। ये हीरे छतरपुर के बकस्वाहा जंगल में मिले हैं। बकस्वाहा के जंगल में पन्ना से 15 गुना ज्यादा हीरे का भंडार होने का अनुमान जताया जा रहा है।

माना जा रहा है कि यहां करीब 3.42 करोड़ कैरेट हीरे दबे हो सकते हैं। धरती से हीरा निकालने के लिए करीब 382.131 हेक्टेयर जंगलों को काटा जाएगा। इसके बाद ही हीरे निकाले जा सकेंगे। अब तक छतरपुर के पड़ोसी जिले पन्ना को यह स्थान मिला था। अब तक पन्ना में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार माना जाता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पन्ना में करीब 22 लाख कैरेट हीरे का भंडार हैं। अब तक यहां से करीब 13 लाख कैरेट हीरा खनन किया जा चुका है।

छतरपुर में हीरा खदान के लिए 62 हेक्टर का जंगल चिन्हित हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत 382 हेक्टर जंगल को साफ किया जाएगा। यहां हीरा खनन के लिए बंदर प्रोजेक्ट लगाया जाना है। इसके लिए 2.15 लाख पेड़ों की बलि दी जाएगी। वन विभाग ने गिनती में पाया है कि यहां 2,15,875 पेड़ लगे हैं। हीरे निकालने के लिए सभी पेड़ों को काटा जाएगा। बताया जा रहा है कि इन जंगलों में 40 हजार पेड़ सागौन के बड़े पेड़ हैं, वहीं अन्य औषधीय पौधे जैसे पीपल, जामुन, तेंदू, केम, बहेड़ा, अर्जुन समेत कई अन्य प्रजातियों के घने पेड़ जंगल में मौजूद हैं।

गौरतलब है कि 20 साल से बंदर डायमंड प्रोजेक्ट के तहत यहां का सर्वे किया जा रहा था। आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सरकार ने यहां के जंगलों में खुदाई का टेंडर दिया है। सरकार ने बिड के जरिए दो साल पहले आदित्य बिड़ला समूह को यहां की जमीन 50 साल के लिए पट्‌टे पर दे दी है। एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से 382.131 हेक्टेयर जमीन की डिमांड आई है। जहां  62.64 हेक्टेयर में हीरा खदान होगी। जबकि 205 हेक्टेयर जमीन में खनन और प्रोसेसिंग का काम किया जाएगा। वहीं खनन में निकला मलबा डंप होगा। आदित्य बिड़ला समूह यहां 2500 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने जा रहा है।

हीरा खदान लगाने के लिए यहां इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई होगी। इसके बदले बकस्वाह में ही 382.131 हेक्टेयर जमीन पर जंगल विकसित किया जाएगा, जिसका पेमेंट कंपनी को करना होगा। बकस्वाहा तहसील में ही राजस्व जमीन को वनभूमि में डायवर्ट करने का प्रस्ताव कलेक्टर छतरपुर द्वारा एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी को दिया है।