केंद्र की नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय भारत बंद, 28-29 मार्च को बैंकों का कामकाज भी होगा प्रभावित

कोयला, स्टील, तेल, दूरसंचार, डाक विभाग और बीमा से जुड़े कर्मचारियों के भी इस हड़ताल में शामिल होंगे, रेलवे और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठन भी इस हड़ताल को सफल बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं

Updated: Mar 27, 2022, 12:02 PM IST

Photo Courtesy: News18
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नई दिल्ली। ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय भारत बंद का ऐलान किया है। बैंक यूनियनों ने भी इस भारत बंद और हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। उनका कहना है कि सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग कानून अधिनियम 2021 को लेकर वो विरोध प्रदर्शन करेंगे। स्टेट बैंक ने ग्राहकों को सूचना दी है कि बैंकिंग सेवाएं 28-29 मार्च को प्रभावित रहेंगी।

सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के ज्वाइंट फोरम ने सोमवार औऱ मंगलवार को सरकार की नीतियों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए इस राष्ट्र व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ऑल इंडिया बैंक एंप्लायीज एसोसिएशन ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। दरअसल, इन कर्मचारी संगठनों ने बीते 22 मार्च को बैठक की थी। सभी राज्यों में अपनी तैयारियों का जायजा लेने के बाद उन्होंने दो दिन हड़ताल का ऐलान किया है।

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रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी इस भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। ट्रेड यूनियनों ने कोयला, स्टील, ऑयल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्रों को इस हड़ताल की सूचना देने वाला नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि केंद्र की मोदी सरकार अपनी नीतियों से लगातार कर्मचारी वर्ग को परेशान कर रही है। इसका बंद काफी हद तक असर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर देखने को मिल सकता है।

बंद को लेकर कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वो केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी, जनता विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ ये हड़ताल कर रहे हैं। बैंक यूनियन सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर अपना विरोध जताएंगी। सरकार ने 2021 के बजट में दो और सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी। कोयला, स्टील, तेल, दूरसंचार, डाक विभाग और बीमा से जुड़े कर्मचारियों के भी इस हड़ताल में शामिल होंगे। रेलवे और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठन बड़े पैमाने पर इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए मुहिम में जुटे हुए हैं।