लद्दाख में बीजेपी-नेशनल कॉन्फ़्रेंस एक साथ, कश्मीर में अमित शाह बताते हैं गैंग का हिस्सा

LAHDCK यानी लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट कॉउंसिल कारगिल में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी 2019 से एक साथ हैं

Updated: Nov 19, 2020, 08:19 PM IST

Photo Courtesy : Latestly.com
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लद्दाख। जम्मू कश्मीर में गुपकार गठबंधन के दलों को गैंग और देशविरोधी बताने वाली बीजेपी लद्दाख में उसी गुपकार गठबंधन के एक प्रमुख दल नेशनल कॉन्फ्रेंस की सहयोगी है। लद्दाख डेवलपमेंट ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट कॉउन्सिल कारगिल (LADHCK) में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस आज भी एक दूसरे के सहयोगी दल हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ही गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष हैं। ऐसे में बीजेपी के ऊपर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लग रहा है।

सवाल उठ रहा है कि बीजेपी जिस नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर में देश विरोधी गैंग का सदस्य बताती है, उसी के साथ लद्दाख में गठबंधन क्यों कर लेती है? क्या इससे यह साबित नहीं होता कि बीजेपी सिर्फ अपने फायदे के लिए मौका देखकर अपना रुख बदलती रहती है? क्या इसका यह मतलब नहीं है कि बीजेपी की दोस्ती और दुश्मनी सिर्फ और सिर्फ सियासी फायदे के लिए होती है, जिसके लिए वो किसी को भी देश विरोधी बता सकती है और ज़रूरत पड़ने पर उसी के साथ मिलकर सत्ता में साझेदारी भी कर सकती है।

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बीजेपी के इस दोहरे राजनीतिक मिजाज का एक उदाहरण महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से उसके रिश्तों को भी बताया जा रहा है। लोग अब तक भूले नहीं हैं कि बीजेपी जिन महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर की सरकार चला रही थी,  एक दिन अचानक उन्हीं को जेल में बंद करके देश विरोधी होने का लेबल चिपका दिया। 

बीजेपी की लद्दाख इकाई के अध्यक्ष, जम्यांग तर्सिंग नामग्याल अपनी पार्टी पर लगने वाले दोहरेपन के इन आरोपों का बड़ा ही दिलचस्प जवाब देते हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से उन्होंने कहा कि, ' कारगिल में नेशनल कॉन्फ्रेंस का पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में बीजेपी पूरी तरह खुलकर नेशनल कांफ्रेस के साथ है और आगे भी रहेगी। अगले परिषद चुनावों में भी दोनों साथ रहेंगे।

हालांकि लद्दाख में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और LAHDCK के चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसिलर फिरोज़ खान इसका खंडन करते हैं। वे कहते हैं कि लद्दाख भले ही अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया हो, लेकिन हमारा मूल संगठन अब भी वही है। फारूद अब्दुल्ला ही अब भी हमारे शीर्ष नेता हैं। 

PAGD के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की पार्टी के 10 सदस्य लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (LAHDCK) के 26 निर्वाचित सदस्यों में शामिल हैं। इनके अलावा काउंसिल में आठ सदस्य कांग्रेस से, तीन बीजेपी से और पांच निर्दलीय हैं। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने 30 सदस्यीय LAHDCK में से चार सदस्यों को नामित किया है। अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी काउंसलर के रूप में नेशनल कांफ्रेस के फिरोज खान LAHDCK का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि बीजेपी के अली चंदन समेत चार काउंसलर्स उसमें शामिल हैं और अग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभालते हैं।

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क्या है गुपकार गठबंधन
दरअसल, 4 अगस्त 2019 को फारुक अब्दुल्ला के गुपकार स्थित आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी। इस दौरान एक प्रस्ताव जारी किया गया था, जिसमें सभी पार्टियों ने तय किया था कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को बनाए रखने के लिए सब मिलकर सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। इसे ही गुपकार समझौता कहा जाता है। इस समझौते में महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी और फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा राज्य के कुछ अन्य दल भी शामिल हैं। बता दें कि इस समझौते के अगले ही दिन केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा छीनकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी बेअसर कर दिया गया था।