पटियाला में लगाया गया कर्फ्यू, हिंसा से तनावपूर्ण हुआ माहौल
पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा है कि उन्होंने डीजीपी समेत तमाम आला अधिकारियों से बात की है और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है
चंडीगढ़। पंजाब के पटियाला में दो समुदाय के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए शहर में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। पटियाला में शाम सात बजे के बाद से कर्फ्यू लागू करने का ऐलान किया गया है।
यह कर्फ्यू शाम सात बजे से लेकर शनिवार सुबह तक जारी रहेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार सुबह करीब छह बजे कर्फ्यू को हटा लिया जाएगा। हिंसा के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।
पटियाला में हुई घटना पर DGP और सभी बड़े अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मामले की तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को सख़्त हिदायत दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 29, 2022
पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।
भगवंत मान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने पटियाला हिंसा मामले में आज राज्य के डीजीपी समेत तमाम आलाधिकारियों के साथ बैठक की है। जिसमें उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम भगवंत मान ने आश्वासन देते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
Punjabis are tied in with our Guru’s teachings of Universal Brotherhood & Oneness. No antisocial elements should be allowed to incite divide in our society. Patiala incident occurred due to gross failure of Pb Govt to anticipate & control the mob. Responsibility should be fixed..
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) April 29, 2022
पटियाला हिंसा पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। सिद्धू ने इस घटना को राज्य सरकार के सिस्टम की नाकामी करार दिया है। सिद्धू ने कहा कि जवाबदेही तय होनी चाहिए।
दरअसल शुक्रवार को प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने खालिस्तान दिवस मनाने का आह्वान किया था। सिख फॉर जस्टिस की ओर से खालिस्तानी समर्थकों से पंजाब के सरकारी दफ्तरों पर झंडा फहराने की अपील की गई थी। सिख फॉर जस्टिस के इसी आह्वान के बाद शिवसेना (बाल ठाकरे) नामक संगठन ने खालिस्तानी मुर्दाबाद मार्च निकालना शुरू किया था।
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लेकिन पटियाला के आर्य समाज चौक पर सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग सामने आ गए। जिसके बाद दोनों गुटों में हिंसक झड़प हो गई। हिंसक झड़प को रोकने पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया गए। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना के बाद से ही पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार निशाने पर है।