लाठीचार्ज से किसान की मौत के दावे को हरियाणा पुलिस ने किया खारिज, कहा, हार्ट अटैक से गई किसान की जान

सुशील काजल नामक किसान करनाल में हरियाणा पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए थे, लाठीचार्ज में उन्हें चोट आई थी, जिसके बाद अगले दिन उनकी मौत हो गई, दावा किया गया कि हरियाणा पुलिस की बर्बरता ने किसान की जान ले ली, अब हरियाणा पुलिस ने इस दावे को खारिज किया है

Publish: Aug 30, 2021, 05:54 AM IST

चंडीगढ़। करनाल में शनिवार को पुलिसिया बर्बरता के बाद हुई किसान की मौत विवादों में घिर गई है। किसान नेताओं का कहना है कि मृतक किसान की मौत पुलिस के लाठीचार्ज के कारण हुई है। जबकि हरियाणा पुलिस इस मामले में दावों को खारिज करते हुए अपनी एक अलग कहानी बता रही है।

हरियाणा पुलिस का दावा है कि किसान की मौत लाठीचार्ज से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई है। अपने इस दावे की पुष्टि करने के लिए हरियाणा पुलिस इस दलील का सहारा ले रही है कि मृतक के परिवार ने किसान की मौत के बाद हंगामा नहीं किया, इसलिए यह दावा बिलकुल गलत है कि किसान की मौत लाठीचार्ज के कारण हुई है। 

करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मृतक किसान किसी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए। वह ठीक हालत में अपने घर गए और सोने के दौरान उनकी मौत हो गई। कुछ लोग कह रहे हैं कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पुलिस के बल प्रयोग के दौरान चोट लगने के से किसान की मौत का दावा फर्जी है। एसपी के मुताबिक अगर किसान की मौत लाठीचार्ज के कारण हुई होती तो परिवार के लोग पुलिस के पास आ जाते। 

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शनिवार को करनाल के बस्ताडा टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था। जिसमें दस किसानों को गंभीर चोटें आई थीं। इनमें एक किसान मृतक सुशील काजल भी थे। किसान नेताओं का दावा है कि लाठीचार्ज के बाद से ही सुशील काजल सदमे में थे। अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के महासचिव आशीष मित्तल ने आरोप लगाया है कि एसडीएम के सिर फोड़ने वाले आदेश पर पुलिस ने अमल करते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिस वजह से सुशील काजल की मौत हुई है। 

शनिवार को करनाल में किसानों का एक जत्था भाजपा की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। करनाल में बीजेपी की इस बैठक चल रही थी। जिसमें राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ सहित प्रदेश बीजेपी के कई नेता मौजूद थे।

अपने विरोध जताने के लिए जब किसानों ने बीजेपी के बैठक स्थल पर कूच करना शुरू किया तब किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दी, जिसमें किसानों का शरीर खून से लथपत हो गया है। इस पूरे घटनाक्रम में करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक मौखिक आदेश विवाद के केंद्र में आ गया। आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एसडीएम पुलिस के जवानों को यह आदेश देते सुनाई पड़ रहे थे कि अगर कोई भी इधर आने की कोशिश करे तो उसका सिर फोड़ देना।