Hathras Case: बैकफुट पर आई योगी सरकार से प्रियंका गांधी का सवाल, एसपी, डीएसपी जैसे मोहरों पर कार्रवाई से क्या होगा
Hathras Gangrape: पांच अधिकारी निलंबित, दोनों पक्षों का होगा नार्को टेस्ट, प्रियंका गांधी की मांग, हाथरस के जिला अधिकारी और एसपी के फोन रिकॉर्ड करें सार्वजनिक

हाथरस। हाथरस रेप मामले में चौतरफा आलोचना व फजीहत झेल रहे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आखिरकार अब बैकफुट पर हैं। मामले में एसआईटी द्वारा दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी को हाथरस के एसपी, डीएसपी समेत इस केस से जुड़े पांच अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश देना पड़ा है। इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा अब तक की यह सबसे बड़ी करवाई है।
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट सरकार को पेश की है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, सीओ राम शब्द, एसआई जगवीर सिंह और हेड कॉन्स्टेबल महेश पाल को सस्पेंड कर दिया गया है।
योगी सरकार द्वारा अधिकारियों के ऊपर गाज गिराने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल खड़ा किया है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'योगी जी कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएँ। मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो।'
.@myogiadityanath जी कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएँ। मुख्यमंत्रीज अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है @myogiadityanath इस्तीफा दो
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 2, 2020
सभी का होगा नार्को टेस्ट
अधिकारियों पर इस कार्रवाई के साथ ही सरकार ने दोनों पक्षों का नार्को टेस्ट कराने का भी आदेश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि मामले में पीड़ित पक्ष, आरोपियों व संबंधित पुलिस अधिकारियों का पॉलीग्राफी व नार्को टेस्ट किया जाएगा। बता दें कि मामले में पीड़ित पक्ष, आरोपियों व पुलिस अधिकारियों के बयान परस्पर विरोधी हैं जिसे लेकर एसआईटी ने इसकी जांच करने का मुद्दा भी अपनी रिपोर्ट में उठाया है लिहाज तह तक जाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
और पढ़ें: Uma Bharti: रामराज्य का वादा था लेकिन हाथरस केस ने बीजेपी सरकार की छवि बिगाड़ दी
बता दें कि हाथरस मामले को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार चौतरफा आलोचनाओं से घिरी हुई है। सरकार और प्रशासन के खिलाफ विपक्षी दल तो लामबंद हैं ही साथ में देशभर के लोगों का आक्रोश सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर देखा जा रहा है। साथ ही बीजेपी के नेता भी योगी सरकार के रवैये को अनुचित बता रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि चौतरफा किरकिरी का असर शुक्रवार को सीएम योगी पर भी हुआ नतीजतन उन्होंने बड़ा फैसला लिया।