बूस्टर डोज की सिफारिश कर खुद पीछे हटे टॉप साइंटिस्ट्स, बोले- अभी और शोध की आवश्यकता है

वैज्ञानिकों के पैनल INSACOG ने कहा है कि अभी बूस्टर डोज के असर का पता लगाने की जरूरत है, दो दिन पहले ही इस पैनल ने 40 से अधिक उम्र वालों को बूस्टर डोज देने की वकालत की थी

Updated: Dec 05, 2021, 06:19 AM IST

नई दिल्ली। Omicron के खतरों के बीच भारत के टॉप वैज्ञानिकों का पैनल अपने स्टैंड से पीछे हट गया है। दो दिन पहले तक 40 से अधिक उम्र वालों के लिए बूस्टर डोज की वकालत करने वाली पैनल INSACOG ने कहा है की बूस्टर डोज को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

भारत के सार्स-कोव-2 कंजोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) ने अपने ताजा हेल्थ बुलेटिन में कहा है कि बूस्टर डोज का जिक्र हाई रिस्क वाली आबादी में वैक्सीन की एक्स्ट्रा डोज की भूमिका को लेकर एक चर्चा भर थी। यह सुझाव भारत के टीकाकरण अभियान से जुड़ा हुआ नहीं था। बूस्टर डोज के प्रभावों के आंकलन के लिए अभी कई वैज्ञानिक शोध किए जाने की जरूरत है।

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INSACOG ने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीन को लेकर सुझाव देने और उसे अमल में लाने का काम NTGAI (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) और NEGVAC (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19) के कार्यक्षेत्र में आता  है। बहरहाल जानकारी मिली है कि NTGAI अगले हफ्ते बूस्टर खुराक को लेकर बैठक कर सकता है।

बता दें कि INSACOG ने अपने पिछले साप्ताहिक बुलेटिन में कहा था कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, उनको खतरा ज्यादा है और पहले उनका टीकाकरण किया जाए। साथ ही 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज देने पर विचार किया जाए। Insacog कोरोनावायरस में जीनोमिक विविधताओं की निगरानी रखने वाले 28 लैब्‍स की कंसोर्टियम है।