FCI से चावल की सप्लाई पर आमने-सामने केंद्र और कर्नाटक सरकार, केंद्र पर अन्न भाग्य योजना में अड़ंगा डालने का आरोप

कर्नाटक में चावल की आपूर्ति को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उसे गरीबों के खिलाफ बताया है। राज्य सरकार ने बताया कि पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने के लिए हमने बात की है।

Updated: Jun 21, 2023, 10:48 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गई है। राज्य सरकार ने अन्न भाग्य योजना में केंद्र पर अड़ंगा डालने का आरोप लगाया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार को गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि वे नफरत की राजनीति कर रहे हैं।

सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने राज्य को खाद्यान्न आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। 13 जून को उपभोक्ता मंत्रालय ने एफसीआई को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए लेटर लिखा और 14 जून को एफसीआई ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते, इसका मतलब क्या है? अगर स्टॉक नहीं है तो एफसीआई हमें खाद्यान्न देने के लिए क्यों राजी हुआ? जबकि उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा है कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है। ये गरीबों के खिलाफ है।'

मामले पर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि, 'हमने पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने के लिए बात की है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीबों के पेट पर राजनीति ना करें। आप अपना चावल नहीं दे रहे हैं यह किसानों का चावल है। हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए। कर्नाटक सरकार खरीदने में सक्षम है।'

कर्नाटक कांग्रेस ने चावल की आपूर्ति के विषय को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया और आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार को ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए चावल उपलब्ध कराने से इनकार किया जा रहा है। वहीं, बीजेपी नेताओं द्वारा उल्टा आरोप लगाया गया कि सिद्धारमैया सरकार गरीब परिवारों को 10-10 किलोग्राम मुफ्त चावल प्रदान करने में विफल रही है।

बता दें कि अन्न भाग्य योजना के तहत कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने का ऐलान किया है।