अखिलेश यादव कन्नौज जाते समय हिरासत में लिए गए, योगी सरकार ने रोकी किसान यात्रा

Akhilesh Yadav: जहां तक जाती नज़र वहां तक लोग तेरे ख़िलाफ़ हैं, ऐ ज़ुल्मी हाकिम तू किस-किस को नज़रबंद करेगा, हिरासत में लिए जाने के बाद अखिलेश यादव ने किया ट्वीट

Updated: Dec 07, 2020, 08:43 PM IST

Photo Courtesy : Twitter
Photo Courtesy : Twitter

लखनऊ। किसान आंदोलन के समर्थन में कन्नौज में होने वाली "किसान यात्रा" से पहले ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को प्रशासन ने उनके घर के पास हिरासत में ले लिया है। इसके पहले अखिलेश यादव को कन्नौज जाने से रोकने के लिए पुलिस ने उनके लखनऊ स्थित आवास के बाहर बैरिकेड लगाए थे जिसके बाद अखिलेश अपने घर के पास ही धरने पर बैठ गए थे।

बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव को हिरासत में लेकर पुलिस उन्हें ईको गार्डन भेज रही है जहां उन्हें कस्टडी में रखा जाएगा। हिरासत में लिए जाने पर अखिलेश ने ट्वीट कर योगी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने लिखा, 'जहां तक जाती नज़र वहां तक लोग तेरे ख़िलाफ़ हैं, ऐ ज़ुल्मी हाकिम तू किस-किस को नज़रबंद करेगा।'

समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से अखिलेश को पुलिस वैन में बिठाकर ले जाने का वीडियो भी साझा किया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार दमन की हर सीमा को पार कर रही है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, 'अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्षरत रहेंगे समाजवादी। 'किसान यात्रा' को रोकने के लिए दमन की हर सीमा पार कर रही है सत्ता। किसानों की आवाज़ बुलंद करने निकले राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को असंवैधानिक तरीके से सीएम के आदेश पर रोके जाना घोर निंदनीय।'

दरअसल, अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को उत्तर प्रदेश में किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया था। अखिलेश आज कन्नौज जाने वाले थे लेकिन पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी। इसके अलावा लखनऊ स्थित सपा दफ्तर और अखिलेश के आवास के बाहर बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप है कि उनकी गाड़ियां भी जब्त कर ली गई हैं।

यह भी पढ़ें: 12 दिन से धरने पर बैठे किसानों की अपील, 8 दिसंबर के भारत बंद में सभी हों शामिल

अखिलेश ने इन सब के बीच पैदल कन्नौज के लिए निकलने की तैयारी कर ली। हालांकि उन्हें पैदल भी आगे नहीं जाने दिया गया, जिसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए। यूपी पुलिस ने अखिलेश के धरने पर बैठने को धारा 144 का उल्लंघन मानते हुए उन्हें हिरासत में लेकर ईको गार्डन की तरफ भेज दिया। इसके पहले प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया था। अपने सियासी आकाओं के इशारे पर काम कर रही यूपी पुलिस विपक्ष को अपना काम करने से रोकने के लिए कोरोना गाइडलाइन्स का बहाना बना रही है। 

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिरासत में लिए जाने के पहले मीडिया से कहा कि 'हमारे कार्यकर्ता अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस चाहे तो हमें भी जेल में डाल दे।' उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन आज किसानों को बर्बाद करने वाला कानून लागू किया जा रहा है। पूरे देश के किसान मोदी सरकार के काले कानून से नाराज हैं। बीजेपी कोई बहस नहीं चाहती है।