पाकिस्तानी कर्नल ने भारतीय सैनिकों पर हमले के लिए दिए थे 30 हजार रुपए, LoC पर पकड़े गए आतंकी ने कबूला

पकड़े गए आतंकी ने कबूला है कि उसे पाकिस्तानी सेना के एक कर्नल ने 30 हजार रुपये देकर भारत में सेना की पोस्ट पर हमला करने के लिए भेजा था, इसके लिए उसने दो तीन बार फ्रंट पोस्ट की रेकी की थी

Updated: Aug 25, 2022, 03:17 AM IST

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे इलाके में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया है। घुसपैठ की ये कोशिशें पिछले 48 घंटे में जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में हुईं। इस दौरान एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है जबकि दो अन्य आतंकी लैंडमाइन विस्फोट में मारे गए हैं। पकड़े गए आतंकी ने बताया है कि पाकिस्तानी सेना के एक कर्नल ने उसे 30 हजार रुपये देकर भारत में सेना की पोस्ट पर हमला करने के लिए भेजा था।

सेना की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि यह गिरफ्तारी 21 अगस्‍त को सुबह उस समय की गई जब नौशेरा क्षेत्र के झांगर सेक्‍टर में तैनान सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर अपनी ओर दो से तीन आतंकियों के गतिविधियां देखीं। एक आतंकी भारतीय पोस्‍ट के करीब था और बाड़ को काटने का प्रयास कर रहा था। जब इस आतंकी ने भागने की कोशिश की तो सैनिकों ने फायर किया जिसमें यह जख्‍मी हो गया था। बाद में इसे पकड़ लिया गया।

यह भी पढ़ें: जीने की इच्छा मेरी भी है लेकिन हालात ऐसे नहीं रहे, कर्ज में डूबे युवक ने पूरे परिवार को खत्म कर दे दी जान

पकड़े गए आतंकी ने अपना नाम तबारक हुसैन बताया था। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानि पीओके के कोटली जिले के सब्जकोट गांव का रहने वाला है। सेना ने जब उससे पूछताछ की तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया और पाकिस्तान की पोल खोल दी। उसने बताया कि उसका प्लान भारतीय चौकी पर हमला करने का था।

आतंकी ने बताया कि उसे पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने भारत पर हमले के लिए भेजा था। इसके लिए कर्नल ने उसे 30 हजार पाकिस्तानी रुपये दिए थे। उसने यह भी कबूला के उसने कुछ दूसरे आतंकियों के बाद पहले भी भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों पर हमले के लिए उनकी रेकी की थी।

बताया जा रहा है कि तबारक हुसैन को इससे पहले भी 2016 में इसी जगह से गिरफ्तार किया गया था। वह उस दौरान अपने भाई हारून अली के साथ भारत में घुसपैठ कर रहा था। लेकिन उसे नवंबर 2017 में मानवीय आधार पर पाकिस्तान भेज दिया गया था।