यूपी में रोजगार मांगने पर मिली गिरफ़्तारी और FIR, छात्रों के समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी
देशभर में बेरोजगारी को लेकर घिरी केंद्र की मोदी सरकार, तमाम प्रयासों के बावजूद अपनी मांगों पर डटे हैं छात्र, कांग्रेस बोली- युवा मांगे रोजगार, सरकार क्यों कर रही है गिरफ्तार

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस ने रोज़गार मांगने के लिए धरना दे रहे 103 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने इनमें से तीन को नामजद आरोपी भी बनाया है। इन छात्रों का गुनाह यह है कि वे रोजगार पाने को अपना मौलिक अधिकार बता रहे हैं और सरकार से अपने लिए रोजगार मांग रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रियंका गांधी ने इन छात्रों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार का धर्म है कि वह युवाओं से बात करे।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'कैसी सरकार है ये? जब युवा करते हैं जॉब की बात तो उनको सरकार भेज देती है हवालात। युवा अपने हक की बात करेगा। सरकार का धर्म है कि युवाओं की बात करे एवं उनकी बात सुने भी।'
कैसी सरकार है ये?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 28, 2021
जब युवा करते हैं #JobKiBaat
तो उनको सरकार भेज देती है हवालात।
युवा अपने हक की बात करेगा। सरकार का धर्म है कि युवाओं की बात करे एवं उनकी बात सुने भी। pic.twitter.com/ZkXznOInSr
त्याग कर अहंकार, युवाओं को दें रोजगार
बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार से अपना अहंकार त्यागने को कहा है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, 'सत्ता संभालने से पहले हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार में रोजगार मांगने पर छात्रों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। युवा मांगे रोजगार, सरकार क्यों कर रही है गिरफ्तार? त्याग कर अपना अंहकार, युवाओं को दे रोजगार।'
सत्ता संभालने से पहले हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार में रोजगार मांगने पर छात्रों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं।
— Congress (@INCIndia) February 28, 2021
युवा मांगे रोजगार, सरकार क्यों कर रही है गिरफ्तार?
त्याग कर अपना अंहकार, युवाओं को दे रोजगार। pic.twitter.com/P87vMW2uRw
कांग्रेस ने इसी के साथ प्रयागराज में छात्रों पर केस दर्ज किए जाने की एक अखबार की कतरन भी साझा की है। इसमें बताया गया है कि पुलिस ने तीन छात्रों को जेल भेज दिया है। प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक ये छात्र रोजगार की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे और सड़कों पर आने का प्रयास कर रहे थे।
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प्रयागराज पुलिस की इस कार्रवाई से जहां छात्र आक्रोशित हैं, वहीं सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस की एफआईआर को ही देखा जाए तो छात्र सिर्फ सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। भारत का संविधान नागरिकों को अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत देता है। असहमति जाहिर करने के लिए या सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए नारेबाजी करना कोई आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि नागरिकों का अधिकार है। दो दिन पहले यूपी पुलिस ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ भी यही बर्ताव किया था।
यह स्थिति सिर्फ अकेले प्रयागराज या वाराणसी की नहीं है बल्कि देश के कई बीजेपी शासित राज्यों में युवाओं और छात्रों के प्रदर्शन को दबाने की कोशिशें देखने को मिल रही हैं। पिछले हफ्ते उत्तराखंड से लेकर बिहार की राजधानी पटना तक ऐसी खबरें आई हैं। हालांकि पुलिसिया दमन के बावजूद छात्रों का आंदोलन जारी है। पिछले एक सप्ताह के दौरान सोशल मीडिया के जरिए छात्रों द्वारा अपनी आवाज बुलंद की जा रही है। आज भी पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात के दौरान लाखों छात्रों ने जॉब की बात को टॉप ट्रेंड कराया।