अध्यक्ष बनने से पहले ही गहलोत ने दिखाए तेवर, पायलट के विरोध में 86 विधायकों ने खोला मोर्चा

राजस्थान की राजनीति एक नए मोड़ पर आ गई है। गहलोत समर्थक 86 विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाने के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है। वहीं गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत में कहा है कि विधायक नाराज हैं। मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है।

Updated: Sep 25, 2022, 05:41 PM IST

जयपुर। राजस्थान की सियासत एक नए मोड़ पर आ गई है। सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। गहलोत कैंप के विधायकों ने सचिन पायलट के सीएम बनने पर सरकार गिराने की धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहलोत कैंप के करीब 86 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है।

दरअसल, राजस्थान सीएम के लिए हाईकमान की पहली पसंद सचिन पायलट हैं। लेकिन गहलोत समर्थक उन्हें बतौर मुख्यमंत्री देखना नहीं चाहते हैं। इसी बात को लेकर रस्साकसी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने गहलोत और पायलट को दिल्ली तलब किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा घटनाक्रम को लेकर सीएम अशोक गहलोत से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल से फोन पर बात की है।

इस बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने उन्हें कहा कि पार्टी के विधायकों में नाराजगी है। मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है। तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रमों के बीच देर शाम होने वाली विधायक दल की बैठक को भी स्थगित कर दिया गया। बैठक से पहले गहलोत कैंप के विधायकों ने शांति धारीवाल के घर पर मुलाकात की थी। इस दौरान 50 से अधिक विधायक शामिल वहां मौजूद थे। गहलोत खेमे के विधायकों  ने अपने ही खेमे से किसी को मुख्यमंत्री बनाने संबंधी एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था।

गहलोत कैंप के वरिष्ठ नेता खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि हम सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपने पद से इस्तीफा देंगे। क्योंकि पार्टी हमारी नहीं सुनती है, फैसले अपने आप हो जाते हैं। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली भी जाएंगे। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हाईकमान हमारे मुखिया है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत आह्वान करेंगे तो हम जान देंगे। खाचरियावास ने दावा किया कि 125 के करीब विधायक हमारे साथ हैं। विधायक पहले ही तय कर चुके थे कि वो विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे। विधायकों को लगता है कि फैसला उनसे पूछे बगैर लिया जा रहा है।

विधायकों के इस विद्रोह पर प्रमोद कृष्णम ने अशोक गहलोत को नसीहत देते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस आलाकमान को संकट में ना डालें। 2023 में लड़ाई बीजेपी से होगी सचिन पायलट से नहीं। खुद ही सरकार गिराने का काम कर रहे हैं।'