नीतीश कुमार का दोहरापन ज़्यादा दिन नहीं चलेगा, मेवालाल के इस्तीफे पर तेजस्वी ने साधा निशाना

Tejashwi Yadav: एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी, अभी तो 19 लाख नौकरियों, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे जन सरोकार के अनेक मुद्दों पर मिलेंगे

Updated: Dec 18, 2020, 01:23 PM IST

Photo Courtesy : DNA India
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने नये-नवेले शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बावजूद विपक्ष के निशाने पर बने हुए हैं। उल्टे इस इस्तीफे ने तो विपक्ष के हौसले और बुलंद कर दिए हैं। मेवालाल के इस्तीफे के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मनोज झा जिस तरह नीतीश कुमार पर तीखे हमले कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है। 

तेजस्वी यादव ने मेवालाल के इस्तीफे के फौरन बाद ट्विटर के जरिए प्रतिक्रिया जाहिर करते संकेत दिए कि इस इस्तीफे के बाद अभी ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार और विपक्ष का आमना सामना होने वाला है। तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा, "जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे।"

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तेजस्वी यादव ने एक और ट्वीट में लिखा, "मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया। असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी."

बीजेपी के दबाव में नीतीश ने मंत्री से लिया इस्तीफा : मनोज झा 

आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा का कहना है कि नीतीश कुमार ने जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी का इस्तीफा बीजेपी के दबाव में लिया है। मनोज झा ने तेजस्वी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'ज्यादा हैरानी और चिंता का विषय ये है कि दिल्ली की चर्चा के अनुसार बीजेपी के दवाब में मा. मुख्यमंत्री जी को ये निर्णय लेना पड़ा। जनादेश के 'सन्देश' को अभी भी समझने का वक़्त है।' 

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बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मेवालाल चौधरी को विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण शपथ लेने के तीन दिनों के भीतर ही शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने मंत्री के तौर पर आज ही कार्यभार संभाला था, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

मेवालाल चौधरी 2010 से 2015 तक सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। इसी दौरान उनके ऊपर भर्ती प्रक्रिया में धांधली करने के आरोप लगे थे। ख़ास बात यह है कि मेवालाल चौधरी को जेडीयू ने पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। लेकिन उन्हीं चौधरी को इस बार मंत्री पद दे दिया गया था। अब भी जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।