कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल हुई केंद्र सरकार, ट्रैक्टर मार्च के दौरान भड़की हिंसा पर बोले शरद पवार
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन कर रहे असली किसानों को दिल्ली छोड़ बॉर्डर छोड़ने का किया आह्वान , शशि थरूर ने कहा है कि शांति बनाए रखने की ज़िम्मेदारी प्रशासन की भी थी

नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा केंद्र सरकार की विफलता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल हो गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आज जो हुआ उससे बेहद दुखी हूं।
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान अनुशासित ढंग से आंदोलन कर ही रहे थे। लेकिन सरकार ने उनकी समस्या को सुनना मुनासिब नहीं समझा। जब किसानों का धैर्य टूटा तब जाकर ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। पवार ने कहा कि कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने की पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की थी, जिसमें सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
पवार के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि दिल्ली के दृश्य काफी हैरान करने वाले हैं। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा हिंसक घटनाएं स्वीकार्य नहीं है। यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों की छवि को खराब करेगा। अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान नेताओं ने भी उपद्रवियों से खुद को अलग कर लिया है, और ट्रैक्टर रैली प्रतिबंधित कर दी है। अमरिंदर सिंह ने कहा, मैं सभी असली किसानों से आह्वान करता हूं कि वे दिल्ली को खाली कर दें और सीमाओं पर वापस लौट आएं।
गणतंत्र दिवस पर अपनी ताक़त जताने ट्रैक्टर लेकर सड़क पर उतरे किसानों में से एक किसान की मौत हो गई। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने किसान की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि आंदोलनकारी की मृत्यु से काफी दुखी हूं। इसे आंदोलनकारियों और प्रशासन दोनों ही रोक सकते थे। दोनों की ही बराबर ज़िम्मेदारी बनती है। हमें इस समस्या का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों से निकालना चाहिए न कि बल से।