संगठनात्मक चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष बनी रहेगी सोनिया गांधी, हर महीने CWC मीटिंग पर बनी सहमति

हार की समीक्षा के लिए आयोजित कार्यसमिति की बैठक में फ़ैसला लिया गया है कि अब हर महीने वर्किंग कमेटी की मीटिंग होगी और अप्रैल में राजस्थान में चिंतन शिविर होगा .. पार्टी ने चुनावी हार के लिए रणनीतिक ख़ामियों को स्वीकार किया और सतर्क विपक्ष की भूमिका निभाने का वादा किया

Updated: Mar 13, 2022, 04:37 PM IST

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुई करारी हार और चौतरफा उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस कार्यसमिति ने फैसला लिया है कि जब तक संगठन के चुनाव नहीं हो जाते, सोनिया गांधी ही पार्टी का नेतृत्व करेंगी। पांच घंटे चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में तमाम सदस्यों ने हार के कारणों पर अपनी अपनी राय रखी और पार्टी को मजबूत करने की सलाह भी दी। लेकिन सबने तय किया कि जल्दबाज़ी में फैसला लेना उचित नहीं है, इसलिए 20 अगस्त को संगठन के चुनाव के बाद ही तय होगा कि पार्टी का नया नेतृत्व किसे मिलेगा।

इस मीटिंग में यह भी तय किया गया है कि अब हर महीने कार्यसमिति की बैठक होगी और हार की विस्तृत समीक्षा एवं आगे की रणनीति के लिए अप्रैल महीने में राजस्थान में चिंतन शिविर भी होगा। इस दौरान यह भी तय किया गया कि जिन राज्यों में आनेवाले दिनों में चुनाव है, वहां के लिए कांग्रेस अलग से रणनीति बनाएगी और समयबद्ध समीक्षा भी करेगी।

मीटिंग के बाद प्रेस से बातचीत करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सभी चुनावी राज्यों के प्रभारियों और संगठन के लोगों ने अपने अपने सुझाव और हार के कारणों को अध्यक्ष के सामने रखा और हार के बाद संगठन में बदलाव के सुझाव दिए। पंजाब की हार के लिए प्रभारी हरीश चौधरी ने अमरिंदर सिंह की जनता से दूरी को जिम्मेदार बताया और चुनावी वादे पूरे न होने को भी हार के लिए मजबूत आधार के रूप में गिनाया। जबकि गोवा में क्षेत्रीय पार्टियों की वजह से कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी।

हाल में हुई चुनावी हार के बाद गुलाम नबी आजा़द ने कहा था कि इस हार से उनका दिल बैठा जा रहा है। नेताओं की इसी उद्वेलना और निराशा को देखते हुए कार्यसमिति की बैठक बुलायी गई थी। इस मौके पर संगठन को मजबूत करने के अनेक सुझाव आए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को संगठन के लोगों तक अपनी पहुंच आसान बनानी होगी, वहीं गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष बने रहना चाहिए।