ISRO वैज्ञानिक तपन मिश्रा का दावा, बीते तीन साल में तीन बार हुई जान लेने की कोशिश

इसरो के डायरेक्टर तपन मिश्रा ने कहा है कि पहले बेंगलुरु में एक इवेंट में दौरान उनके नाश्ते में arsenic trioxide नामक ज़हर, फिर चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग के दौरान हाइड्रोजन साइनाइड और फिर सितम्बर 2020 में उन्हें आर्सेनिक देकर मारने की कोशिश की गई

Updated: Jan 06, 2021, 08:20 PM IST

Photo Courtesy: India Tv
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नई दिल्ली। देश के जाने माने वैज्ञानिक और ISRO के सीनियर एडवाइजर तपन मिश्रा ने सनसनीखेज दावा किया है। मिश्रा ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों में उन्हें तीन बार ज़हर देकर मारने की कोशिश की गई है। तपन मिश्रा के दावे के अनुसार उन्हें मारने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत उनके घर में सांप भी छोड़े जा रहे हैं। 

तपन मिश्रा ने यह खुलासा अपने एक फेसबुक पोस्ट में किया है। तपन मिश्रा ने 'long Kept Secret' के शीर्षक से लिखे अपने पोस्ट में कहा है कि सबसे पहले उन्हें मई 2017 में बेंगलुरु मुख्यालय में हुए एक प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान ज़हर देकर मारने की कोशिश की गई थी। तपन मिश्रा ने बताया है कि उनके खाने में arsenic trioxide देकर मारने की कोशिश की गई थी। इसे उनके खाने में डोसे के साथ दी जाने वाली चटनी में मिलाया गया था। मिश्रा का कहना है कि चूंकि उन्हें खाना अच्छा नहीं लगा इसलिए उन्होंने खाने को पूरा नहीं खाया। जिस वजह से केमिकल उनके पेट में नहीं टिक पाया। 

मिश्रा ने कहा है कि इसके बाद उनके ऊपर दो और हमले हुए। एक हमला जुलाई 2019 में चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग के दो दिन पहले हुआ था। तब उन्हें हाइड्रोजन साइनाइड से मारने की कोशिश की गई थी। मिश्रा ने कहा कि तब NSG ऑफिसर की सजगता से उनकी जान बच गई। इसके बाद सितम्बर 2020 में उन्हें आर्सेनिक देकर मारने की कोशिश की गई है। मिश्रा ने कहा कि उनके ऊपर हुए इन हमलों के बाद से उन्हें गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। मिश्रा ने कहा कि उन्हें फंगल इन्फेक्शन, चमड़ी निकलना, सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर बीमारियां होने लगीं। मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बाकायदा अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स भी साझा किया है।

इतना ही नहीं मिश्रा अपने खुलासे में बताते हैं कि घर में कोबरा और करैत जैसे जहरीले सांप भी छोड़े गए। मिश्रा ने कहा कि हर दस फीट की दूरी पर कार्बोलिक एसिड की जाली लगे होने के बावजूद घर में जहरीले सांपों का निकलना रहस्यमयी है। मिश्रा ने बताया कि कभी उनके घर के नौकरों तो कभी बिल्लियों की वजह से या तो सांप मारे गए या फिर ज़िन्दा पकड़ लिए गए।

तपन मिश्रा ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा है कि अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लिकेशन सेंटर में 3 मई 2018 को एक धमाका हुआ था जिसमें सौ करोड़ की लैब नष्ट है गई थी। मिश्रा ने कहा कि इस घटना को लेकर चुप्पी साधने के लिए उन्हें एक भारतीय अमेरिकी प्रोफेसर ने कहा था। प्रोफेसर ने कहा था कि इसके बदले उनके बेटे को वो किसी अमेरिकी इंस्टीट्यूट में दाखिला दिला देंगे। मिश्रा ने कहा है कि चूंकि उन्होंने प्रोफेसर के ऑफर को ठुकरा दिया, इसलिए उन्हें स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के डायरेक्टर के पद से भी हाथ धोना पड़ गया। 

तपन मिश्रा अपने ऊपर हुए इन कथित हमलों को एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी साजिश करार रहे हैं। उनका मानना है कि भारतीय वैज्ञानिकों और उसके स्पेस तकनीक के विकास में बाधा डालने के लिए ऐसा हो रहा है। मिश्रा इसी महीने के अंत में रिटायर होने वाले हैं।