यह कार्यक्रम नहीं, मेरे लिए आस्था-पूजा और व्रत है, मन की बात के 100वें एपिसोड में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का आज 100वां एपिसोड पूरा हुआ, पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम की तुलना त्योहार से की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा पर्व बन गया है, जो हर महीने आता है।

Updated: Apr 30, 2023, 01:42 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें एपिसोड का आज प्रसारण किया गया। इस एपिसोड की देशभर में चर्चा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा दी थी। इस एपिसोड को टीवी चैनलों, निजी रेडियो स्टेशनों और सामुदायिक रेडियो, सिनेमाघरों सहित एक हजार से अधिक प्लेटफॉर्म पर ब्रॉडकास्ट किया गया। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर पर भी आज का एपिसोड प्रसारित किया गया। 

मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया भर में मन की बात के श्रोताओं को बधाई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मेरे लिए अहं से वयं की यात्रा है। उन्होंने कहा, "मन की बात मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह रहा है। इस कार्यक्रम से वोकल फॉर लोकल को बड़ी ताकत मिली है।" प्रधानमंत्री ने बताया कि वह कई बार मन की बात की रिकॉर्डिंग के दौरान भावुक हुए। उन्होंने कहा मैं इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग के दौरान इतनी बार भावुक हुआ हूं कि इसको दोबारा रिकॉर्ड करना पड़ा है। मेरे लिए ये सफर मेरे लिए बेहद खास और महत्वपूर्ण है।

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पीएम मोदी ने आगे कहा, "हर महीने मैं देशवासियों के त्याग की पराकाष्ठा देखता हूं। मुझे लगता ही नहीं है कि आपसे थोड़ा भी दूर हूं। मन की बात कार्यक्रम नहीं, यह मेरे लिए आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं। मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है। आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां और संदेश मिले। कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों को पढ़ पाऊं देख पाऊं। संदेशों को समझने की कोशिश करूं। कई बार पत्र पढ़ते वक्त भावुक हो गया, भावनाओं में बह गया और संभाला। 100वें एपिसोड पर सच्चे दिल से कहता हूं कि बधाई आपने दी, पात्र आप सभी श्रोता हैं।"

उन्होंने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत का जिक्र करते हुआ कहा, "3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के मौके पर हम सबने मिलकर विजयादशमी के दिन मन की बात की यात्रा शुरू की थी। विजयादशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व। यह एक ऐसा पर्व बन गया है, जो हर महीने आता है। हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की प्रतिभागिता को सेलिब्रेट करते हैं। यकीन नहीं होता कि इसे इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड नया रहता है। देशवासियों की नई सफलताओं का विस्तार इसमें मिलता है। देश के कोने-कोने से हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।"

उन्होंने आगे कहा, "मन की बात जिस विषय से जुड़ी वो जन आंदोलन बन गई। आप लोगों ने बना दिया। जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात की तो इसकी चर्चा दुनिया में हुई। मन की बात मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा का मौका है। मेरे मार्गदर्शक थे लक्ष्मण राव, वो कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए। उनकी इस बात ने मुझे प्रेरणा देती है। यह कार्यक्रम दूसरों से सीखने की प्रेरणा बन गया है। इसने मुझे आपसे कभी दूर नहीं होने दिया।"