उत्तराखंड के सीएम रावत ने विवादित बयान पर माँगी माफ़ी, महिलाओं के रिप्ड जीन्स पहनने पर किया था एतराज़
महिलाओं की जींस को संस्कार से जोड़ने पर चौतरफ़ा विरोध का सामना कर रहे उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा, हर व्यक्ति अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनने के लिए आज़ाद है

देहरादून। उत्तराखंड के नए-नवेले मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने आखिरकार अपने फटी जींस वाले बयान पर लोगों से माफी मांग ही ली। उन्होंने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को बुरा लगा है तो वे माफी मांगते हैं। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर यह भी कहा कि उन्होंने फटी जीन्स के खिलाफ टिप्पणी भारतीय मूल्यों औ संस्कृति को ध्यान में रखते हुए की थी।
मुख्यमंत्री रावक ने सफाई देते हुए कहा है कि 'मुझे जींस पर एतराज नहीं है। लेकिन मैं नई जींस लाकर उसे कैंची से फाड़ दूं इस पर एतराज है। अगर किसी को लगता है कि फटी जींस ही पहननी है, तो मुझे कोई एतराज नहीं। किसी को इससे बुरा लगा हो तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं।' दरअसल उनके स्टेटमेंट के बाद देशभर में लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी, फिल्म, राजनीति और महिला संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद उन्होंने लोगों से माफी मांगते हुए कहा है कि अगर उनकी बात से किसी को दुख पहुंचा हो तो वे क्षमा मांगते हैं। सीएम तीरथ सिंह के विवादित बयान पर कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग तक कर डाली थी।
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह का कहना है कि उन्होंने भारतीय मूल्यों और संस्कृति के मद्देनजर उन्होंने फटी जींस को लेकर स्टेमेंट दिया था। उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था। वे मानते हैं कि मातृशक्ति का सम्मान सदैव सर्वोपरि है। हर व्यक्ति अपनी पसंद के हिसाब से कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि उनका यह बयान भी हैरान करने वाला है कि उन्हें खास तौर पर फटी जीन्स भारतीय मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ क्यों लगती है?
दरअसल यह सारा विवाद तीरथ सिंह रावत के मंगलवार को दिए एक बयान से शुरू हुआ था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक तौर पर फटी जीन्स पहनने वाली महिलाओं पर उंगली उठाते हुए कहा था, 'एक बार प्लेन में मेरे बगल में एक बहनजी बैठी हुईं थीं, मैंने उनको देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे हुए थे, हाथ देखे तो कई कड़े थे''। जब घुटने देखे और दो बच्चे साथ में दिखे तो मेरे पूछने पर पता चला कि पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं और वो खुद कोई एनजीओ चलाती हैं। जो एनजीओ चलाती हैं, उनके घुटने दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार दोगी?'' इसी बयान के बाद महिलाओं के बारे में तीरथ सिंह रावत की सोच पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। महिलाओं के कपड़ों से उनके चरित्र और संस्कार के बारे में फैसला करने का आरोप लगाते हुए देशभर में तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया था। इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने आरएसएस की खाकी हाफ पैंट वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की फोटो शेयर करके कमेंट किया था कि 'हे भगवान, इनके घुटने तो नजर आ रहे हैं।'
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शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि देश की संस्कृति और संस्कार पर उन आदमियों से फर्क पड़ता है, जो महिलाओं और उनके कपड़ों को जज करते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री को सोच बदलने की सीख दी थी। आखिरकार विवाद बढ़ता देख तीरथ सिंह रावत ने अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए माफी मांग ली है।