कोरोना से लड़ाई में आज मिल सकती है अच्छी ख़बर, वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल पर होगा विचार

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के विशेषज्ञ आज फाइज़र और ऑक्सफोर्ड समेत कई टीकों के इमरजेंसी अप्रूवल पर विचार के लिए बैठक करेंगे, फाइज़र के टीके को WHO ने भी मंजूरी दे दी है

Updated: Jan 01, 2021, 04:51 PM IST

Photo Courtesy: Scroll
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नई दिल्ली। देश में कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में आज अच्छी खबर मिलने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के विशेषज्ञ आज फाइज़र और ऑक्सफोर्ड समेत कई टीकों के इमरजेंसी अप्रूवल पर विचार के लिए बैठक करेंगे। इस बैठक में कोई अच्छी खबर मिलने की उम्मीद इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि अब फाइज़र के टीके को WHO ने भी मंजूरी दे दी है। इससे भारतीय विषेषज्ञों के लिए सकारात्मक फैसला करना आसान हो जाएगा। 

अखबारों में आई खबरों के मुताबिक CDSCO के विशेषज्ञों की समिति ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और आस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देने पर भी विचार करेगी। भारत में इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने समिति से इसके लिए अनुरोध किया है। इसके अलावा 'कोवैक्सीन' के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर भी समिति विचार करेगी।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही निर्देश जारी किया है कि 2 जनवरी को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन के लिए ड्राई रन किया जाएगा। इस ड्राई रन का मकसद देश के तमाम इलाकों में कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से पहुंचाने और लोगों के टीकाकरण से जुड़ी तमाम सुविधाओं और प्रक्रियाओं की अच्छी तरह जांच करना है।

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को इस बारे में तमाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक चिट्ठी लिखकर इसके लिए सारी तैयारियां शुरू करने को कहा है। उससे पहले हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने अपने विभाग और सभी राज्यों के आला अफसरों के साथ बैठक करके हालात की समीक्षा भी की। माना जा रहा है कि शनिवार को पूरे देश में होने वाले ड्राई रन से पहले आज वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने से देश में महामारी से लड़ाई की कोशिशों में नए उत्साह और उम्मीद का माहौल बनेगा। 

फाइज़र की वैक्सीन को WHO की मंज़ूरी से बढ़ी उम्मीदें

इससे पहले गुरुवार को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने स्फाइज़र और बायोएनटेक की बनाई कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजू़री दे दी। कोरोना महामारी फैलने के बाद  WHO ने पहली बार किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी है। वैसे फाइजर-बायोएनटेक की यह वैक्सीन पहले से ही कई देशों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूव की जा चुकी है। WHO का कहना है कि फाइज़र-बायोएनटेक की बनाई वैक्सीन उसकी तरफ निर्धारित सेफ्टी स्टैंडर्ड और दूसरे ज़रूरी मापदंडों को पूरा करती है। भारत में किसी भी टीके को मंज़ूरी देने से पहले देश में निर्धारित अप्रूवल की विस्तृत प्रक्रिया का पालन करना नियमों के तहत ज़रूरी है, फिर भी WHO के इस कदम से भारत को इस बारे में कोई फैसला करने में मदद मिल सकती है। WHO के फैसले से सबसे ज़्यादा मदद उन देशों को मिलेगी, जिनके पास टीकों के बारे में फैसला करने की अपनी स्थापित प्रक्रियाएं उतनी मज़बूत नहीं है, लिहाजा वे इसके लिए पूरी तरह से WHO पर ही निर्भर करते हैं।