Basu Chatterjee : दर्शकों का  'फैमिली मैन' नहीं रहा

Bollywood news : बासु चटर्जी की फिल्मों में देश और समाज के मध्यम वर्ग की कहानी दिखाई गई है।

Publish: Jun 05, 2020, 03:26 AM IST

courtesy: indianexpress

2020 का साल मानो बॉलिवुड के लिए काल बन कर आया है। एक के बाद एक फिल्मी कलाकार दुनिया से रुखसत ले रहे हैं। इरफान खान, ऋषि कपूर, वाजिद ख़ान के बाद अब हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशन बासु चटर्जी नहीं रहे। मशहूर निर्देशक बासु चटर्जी का मुंबई में आज निधन हो गया। अभी तक बासु चटर्जी के निधन के कारण की पुष्टि नहीं हो पाई है। वे 90 वर्ष के थे। 

फ़ैमिली फिल्मों के फिल्मकार थे बासु

बासु चटर्जी को हिंदी सिनेमा जगत में फैमिली फिल्मों का कलाकार माना जाता है। बासु की ज़्यादातर फिल्मों में देश और समाज के मध्यम वर्ग की कहानी दिखाई गई है। मशहूर निर्देशक बासु चटर्जी ने ' चितचोर ', 'चमेली की शादी ', ' रजनीगंधा ' जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया। अमोल पालेकर, टीना मुनीम जैसे कलाकारों को ब्रेक देने वाले बासु चटर्जी ही थे। उन्हें दर्शकों के लिए हल्की फुल्की और मजेदार फिल्में बनाने वाले फिल्मकार के तौर पर जाना जाता है। 70 और 80 के दशक में जब फिल्मी पर्दे पर  'एंग्री यंग मैन ' का एकतरफा राज चल था। ऐसे समय में जब बॉलीवुड एक्शन फिल्मों की ओर अग्रसर था, उस समय में भारतीय दर्शकों के लिए बासु चटर्जी की फिल्में मनोरंजन के साथ साथ एक विकल्प का काम करती थीं। बासु चटर्जी फिल्में मध्यम वर्गीय दर्शकों को ध्यान में रख कर बनाते थे। और उनकी फिल्में भी मध्यम वर्ग के लोगों को खासी पसंद आती थीं। बासु एक तरह से मध्यम वर्गी लोगों के लिए फिल्में पर्दे के उनके  फैमिली मैन थे। दर्शक आसानी से उनकी फिल्मों से जुड़ जाते थे।

ऐसे शुरू हुआ फिल्मी सफर

बासु चटर्जी का जन्म 10 जनवरी, 1927 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था। बासु पहले मुंबई की एक पत्रिका में कार्टूनिस्ट का काम करते थे। लगभग 18 वर्षों की नौकरी करने के बाद बासु ने फिल्मी दुनिया का रुख कर दिया। 1966 में रिलीज़ हुई राज कपूर - वहीदा रहमान स्टारर ' तीसरी कसम ' में बासु चटर्जी ने बासु भट्टाचार्य के साथ काम किया है। बासु ने ' तीसरी कसम ' में सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया था। बासु की खुद के निर्देशन में प्रदर्शित हुई पहली फिल्म सारा आकाश थी। जिसके लिए बासु को सर्वश्रेष्ठ स्क्रीन प्ले के फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। बसु ने इस फिल्म के बाद दर्शकों को गुदगुदाने वाली ' रजनीगंधा ', ' चित चोर ', ' खट्टा मीठा ', ' पिया का घर ', ' उस पार ' जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। मशहूर अभिनेता अमोल पालेकर और अदाकारा टीना मुनीम को अपनी फिल्मों से ब्रेक देने वाले बासु ही थे। बासु ने हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ भी काम किया था। 1978 में आई राजेश खन्ना फिल्म चक्रव्यूह के निर्देशक बासु चटर्जी ही थे।

टीवी सीरियल का भी निर्देशन किया

बासु ने बड़े पर्दे पर दर्शकों का मनोरंजन तो किया ही इसके साथ ही बासु ने छोटे पर्दे पर भी अपने निर्देशन की छाप छोड़ी। दूरदर्शन पर आने वाली ' रजनी ' और 'व्‍योमकेश बख्शी' सीरियल का निर्देशन भी बासु चटर्जी ने किया था। बासु के निधन से उनके प्रशंसकों को सदमा लगा है। बासु अब इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं लेकिन बसु की फिल्में हमेशा दर्शकों को गुदगुदाने के लिए अब भी मौजूद हैं। बासु भारत के मध्यम वर्गीय फैमिली के ' फैमिली मैन ' थे।