INS Kavaratti: भारतीय नौसेना में शामिल हुआ आईएनएस कवरत्ती, जानें इसकी खास बातें

विशाखापट्टनम के नौसैनिक डॉकयार्ड में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कमीशन किया, 90 फीसदी उपकरण भारत में ही बने हैं

Updated: Oct 23, 2020, 01:51 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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विशाखापत्तनम। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती को गुरुवार को औपचारिक तौर पर नौसेना के बेड़े में शामिल किया। यह जहाज पनडुब्बी रोधी प्रणाली से से लैस है। इस जहाज को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने तैयार किया है। देश के आत्मनिर्भर होने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। आईएनएस कवरत्ती के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी। 

आईएनएस कवरत्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली लगी है। इसके सेंसर पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। इसका निर्माण प्रोजेक्ट-28 के तहत किया गया है, जिसके जरिये तीन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोत पहले ही देश में बनाकर नौसेना को सौंपे जा चुके हैं।

आईएनएस कवरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें 4 डीजल इंजन लगे हैं जो 3000 किलोवाट पावर पैदा करते हैं। जिससे यह  25 नॉट्स की अधिकतम रफ़्तार से चल सकता है। इसके अलावा इसमें प्रॉपेलिंग के लिए भी 3,888 किलोवाट के 4 डीजल इंजन लगे हैं।

आईएनएस कवरत्ती की एक अहम खासियत यह है कि इसमें 90 फीसदी देश में ही बने उपकरण लगे हैं। जहाज के सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट मैटीरियल का उपयोग किया गया है, जिसे भारत में शिप बिल्डिंग के लिहाज से बड़ी सफलता माना जा रहा है। 


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नौसेना में शामिल होने वाला आईएनएस करवत्‍ती नाम का यह दूसरा युद्धपोत है। इससे पुराना आईएनएस कवरत्‍ती 1971 में पूर्वी पाकिस्‍तान में सक्रिय था, जिसने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।